चंडीगढ़ नया कृषि कानून विधेयक : केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित किये गये तीन कृषि अध्यादेशों (Farmer acts) के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पंजाब में कांग्रेस सरकार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के अगुवाई में तीन नये कृषि विधेयक पेश किये है।
इन नये कानूनों (Punjab Government Krishi Bill) के तहत अब राज्य में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को अनिवार्य कर दिया गया है और साथ ही किसानों (Farmers) से MSP से कम कीमत पर फसल खरीद-फरोत करने पर तीन साल की सजा (जेल) और जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। ऐसा करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है ।
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ये है तीन नये कृषि विधेयक बिल
पंजाब विधानसभा में 20 अक्टूबर 2020 को कैप्टन अमरिंदर सरकार द्वारा केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पेश किये गये तीन नये कृषि विधेयक बिल निम्नलिखत रूप से है।
- किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020,
- आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020
- किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 हैं.
जाने ! पंजाब सरकार द्वारा लाए तीन नए कृषि विधेयकों में क्या है?
किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020
इस कृषि विधेयक के तहत गेहूं या धान की बिक्री / खरीद एमएसपी मूल्य से नीचे नही की जायेगी।अगर कोई भी MSP से कम दाम में खरीदेगा तो उसे 3 साल तक की सजा मिलेगी।
आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020
यह कृषि बिल कृषि उत्पादों की जमाखोरी और कालाबाजारी से बचाने के लिए प्रस्तुत किया गया है , इस बिल में पंजाब सरकार को विशेष हालात में कृषि उपज के उत्पादन, वितरण, आपूर्ति और भंडारण का विशेष अधिकार देता है ताकि किसानों और खेत-मजदूरों की आजीविका की रक्षा करता है।
किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 हैं.
यह बिल पंजाब राज्य के किसानों को अपनी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर होने से रक्षा करता है. इस बिल के अनुसार गेहूँ और धान की बिक्री तभी वैध मानी जाएगी जब केंद्र सरकार डरा तय किये गये फसलों के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर या उससे अधिक कीमत मिल रही हो.
अगर कोई कंपनी, व्यक्ति और कॉरपोरेट हाउस किसी भी किसान से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत में फसल बेचने को मजबूर करता पाया गया तो उसे 3 साल तक की सजा दी जाएगी।