राजस्थान में दिसंबर तूफ़ान: ₹2 लाख करोड़ और 5 लाख किसानों का पैसा, लेकिन क्या मिलेगा आपके खाते में?
जयपुर – राजस्थान की भजनलाल सरकार (Rajasthan Government) 2 साल पूरे करने वाली है, और इस जश्न को यादगार बनाने के लिए 10 दिसंबर से 25 दिसंबर तक चलेगा एक ऐसा गवर्नेंस कार्यक्रम चलेगा, जिसमें सिर्फ़ घोषणाएं नहीं, आपके खाते में पैसे भी आएंगे। हमारे सूत्र बता रहे हैं कि इस Rajasthan Government के 15 दिन के महाअभियान में कोई किसान नहीं, कोई उद्यमी नहीं, कोई पशुपालक नहीं छूटेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या ये आंकड़े धरातल तक उतरेंगे? क्योंकि हमने देखा है, ऐलान तो बहुत होते हैं, लेकिन आम जनता तक पहुंचने में उनकी हवा निकल जाती है।
15 दिन का कैलेंडर: हर दिन किसी न किसी सेक्टर का ‘डे’
10 दिसंबर से शुरू हो रही ये श्रृंखला सिर्फ़ एक समारोह नहीं, बल्कि पूरी सरकारी मशीनरी का टेस्ट है। हर विभाग को एक-एक दिन मिला है। किसी को किसान सम्मेलन, किसी को पर्यावरण, किसी को व्यापार। लेकिन जो ध्यान खींचता है, वो है इसका सीक्वेंस।
पहले किसान को पैसा, फिर पर्यावरण को पौधा, फिर उद्योग को नीति, फिर MSME को क्लस्टर, फिर पर्यटन को फिल्म नीति और आखिर में सुशासन का हिसाब। ये राजनीतिक मैसेजिंग भी है कि सरकार हर वर्ग को साध रही है। लेकिन एक ही महीने में इतना कुछ – कहीं ये जल्दबाज़ी तो नहीं?
किसान सम्मेलन:
20 दिसंबर का दिन किसानों के लिए है। 31,600 किसानों को ₹200 करोड़ का अनुदान मिलेगा। इसके अलावा 5 लाख किसानों को ₹700 करोड़ का कृषि आदान अनुदान [Agricultural Subsidy]। साथ ही 5 लाख पशुपालकों को दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत 100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
पर्यावरण-व्यापस: पेड़ों से लेकर सेमी-कंडक्टर तक
21 दिसंबर को सभी जिलों में पौधारोपण होगा। लेकिन असली खेल दो नीतियों का है – ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट और ग्रीन ग्रोथ क्रेडिट पॉलिसी। इससे खेतों और सड़कों पर पेड़ लगाने वालों को पैसा मिल सकेगा। ये [Climate Change] से लड़ने की नई रणनीति है।
22 दिसंबर को व्यापार संवर्धन दिवस में ₹2 लाख करोड़ की ग्राउंड ब्रेकिंग होगी। इसमें इंडस्ट्री, बिजली, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट्स हैं। साथ ही 5 नीतियाँ – ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, व्यापार प्रोत्साहन, सेमी-कंडक्टर, निजी औद्योगिक पार्क और एयरोस्पेस। इतनी नीतियाँ एक साथ – क्योंकी [Economic Development] के लिए सबको साथ लाना जरूरी है।
लेकिन सेमी-कंडक्टर के लिए राजस्थान में तैयारी है क्या? क्या इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है?
MSME से पर्यटन: छोटे कारोबार को क्लस्टर, फिल्म को टूरिज़्म
23 दिसंबर को MSME कॉन्क्लेव में औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इससे छोटे उद्योगों को एक जगह सुविधा मिलेगी। व्हीकल स्क्रैपिंग नीति से पुराने वाहनों को हटाकर नए लाने को बढ़ावा मिलेगा। 24 दिसंबर को पर्यटन कॉन्क्लेव में नई पर्यटन नीति और फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति आएगी। राजस्थान Tourism Policy में नई जान फूंकने की कोशिश है, खासकर फिल्म शूटिंग को लुभाकर।
सुशासन दिवस: हिसाब किताब का दिन
25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन सुशासन दिवस मनाया जाएगा। राज्यस्तरीय समारोह में सरकार अपने 2 साल के कामकाज का हिसाब देगी। ये सिर्फ़ समारोह नहीं, बल्कि आगे के रोडमैप की घोषणा भी हो सकती है।
कॉन्क्लूज़न: इम्प्लीमेंटेशन ही असली टेस्ट
प्लान बड़ा है, पैसा बड़ा है, लेकिन असली टेस्ट होगा जब ये पैसा किसान के खाते में उतरेगा, जब पेड़ सरकारी नर्सरी से निकल कर खेत में लगेगा, जब सेमी-कंडक्टर की नीति में कोई कंपनी निवेश करेगी। 15 दिन में 6 नीतियाँ और ₹2 लाख करोड़ – हम देखेंगे कितना ग्राउंड पर उतरता है।
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