PM Kisan Samman Nidhi Yojana को शुरू हुए 3 साल हो चुके है और अभी तक योजना के जरिये देश के करोड़ों किसानों को दो-दो हजार रुपये की 10 किस्तें भेजी जा चुकी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जारी गाइडलाइन के मुताबिक़ सरकारी नौकरी और टैक्स पे करने वाले किसानों को योजना से बाहर रखा गया है। बावजूद इसके लाखों अपात्र किसान पीएम किसान योजना का लाभ गलत तरीके से उठा रहे है।
सरकार द्वारा ऐसे किसानों की पहचान की जा रही है और जिहे अब योजना से बाहर तो किया ही जाएगा, साथ ही इन किसानों को गलत तरीके से ली गई किस्तों को भी वापिस लौटाना होगा।
इसे भी पढ़े : पीएम किसान योजना की 11वीं किस्त इस तारीख को आएगी किसानों के खाते में, ऐसे चेक करें अपना स्टेटस
अब तक इतने किसानों से वापस ली जा चुकी है पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि
केन्द्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दी जानकारी के मुताबिक़ पीएम किसान योजना के अपात्र किसानों की पहचान की जा रही है. संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्राधिकरण इन व्यक्तियों से धन की वसूली की प्रक्रिया में हैं। अब तक तकरीबन 47,43,806 अपात्र किसानों की पहचान कर उनसे तकरीबन 296.63 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। कृषि मंत्री ने कहा कि इन सभी अपात्र किसानों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें की अपात्र किसानों ने सबसे ज्यादा संख्या तमिलनाडू, कर्नाटक और गुजरात राज्य राज्य के किसानों की है।
किसानों का इस तरह किया जा रहा है सत्यापन
कृषि मंत्री से किसानों के सत्यापन को लेकर पूछे एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया की पीएम किसान पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों की पहचान की पूरी ज़िम्मेदारी राज्य एवं केंद्र सरकार की है।
पीएम-किसान वेब-पोर्टल पर सम्बंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा तैयार और अपलोड किए गए किसानों के सही और सत्यापित आँकड़ों के आधार पर लाभार्थियों को वित्तीय लाभ जारी किए जाते हैं। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा अपलोड किया गया डेटा पीएम-किसान पोर्टल, पीएफएमएस पोर्टल और आईटी डेटाबेस के स्तर पर सत्यापन के लिए जाता है। सत्यापन के किसी स्तर पर ख़ारिज किए गए डेटा को सुधार के लिए राज्यों के पास वापस भेज दिया जाता है।
सभी सत्यापनों को पास करने वाले डेटा के लिए, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से अनुरोध किया जाता है की वे अपने सम्बंधित राज्यों के लिए अंतरण हेतु अनुरोध (RFT) पर हस्ताक्षर करें।
आरएफटी पर राज्य नोडल अधिकारियों (एसएनओ) द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं ओर पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं। बल्कि डेटा फिर से पीएफएमएस को निधि अंतरण आदेश (एफटीओ) बनाने के लिए भेजा जाता है, जिसके बाद निधियाँ लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में भेजा जाता है।