Subsidy Onion Price: प्याज किसानों को मिलेगी 300 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी, क‍िसान इस घोषणा नहीं संतुष्ट

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Onion Price : महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में जारी गिरावट से किसान परेशान होकर सड़कों पर उतर आये हैं। प्याज उत्पादक (Onion Cultivation) किसान अपनी मांगों को लेकर नाशिक से मुंबई कूच कर रहे हैं। किसानों की मांग और विपक्ष की घेराबंदी को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने आज विधानसभा में प्रदेश के किसानों को प्याज पर 300 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने का ऐलान किया है ।

उन्होंने यह घोषणा करते हुए दावा क‍िया क‍ि प्याज किसानों को दी जाने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी मदद है। हालाँकि क‍िसान इस घोषणा से संतुष्ट नहीं हैं।

किसानों को नहीं मिल पा रहा प्याज का उचित दाम

जानकारी के लिए आपको बता दें कि महाराष्ट्र में प्याज के दामों में भारी गिरावट आई है, ऐसे में किसानों को उनकी उपज का सही भाव नहीं मिल पा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्याज उत्पादन बढ़ने से प्याज़ की कीमत में गिरावट आई है।

देश की सबसे बड़ी प्याज मंड़ी लासलगांव में प्याज का भाव 200 से 700 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गया हैं, जबकि प्याज की उत्पादन लागत करीब 15 से 18 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक पहुंच गई है। ऐसे में प्याज उत्पादक हजारों की संख्या में किसानों ने नाशिक से मुंबई के लिए पैदल निकल चुके हैं।

ये है किसानों कि सरकार से मांग

महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है क‍ि यह अस्थायी राहत है। हमने प्रत‍ि क्व‍िंटल 1,500 रुपये की मदद मांगी थी। अगर सरकार इसका न्यूनतम मूल्य 30 रुपये घोषित नहीं करेगी तो क‍िसानों को प्याज की खेती से फायदे की बजाय भारी नुकसान होगा। ऐसे में हमारी माँग है की को कम से कम 600 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की सब्सिडी दी जाये और साथ ही बारिश के कारण हुए नुकसान का उचित मुआवजा भी दिया जाये ।

प्याज़ के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग पर सरकार ने सफ़ाई देते हुए कहा कि “प्याज एक ऐसी फसल है जो जल्दी खराब हो जाती है। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू नहीं किया जा सकता है। महाराष्ट्र में प्याज एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है और देश के कुल प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र की क़रीब 43 फीसदी हिस्सेदारी है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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