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अब किसानों को बिचौलियों से छुटकारा दिलाएगी सरकार की ये धाकड़ योजना

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खेत से उपभोक्ता: भारत सरकार द्वारा किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब सरकार एक नए मॉडल पर काम कर रही है, जिससे किसानों को उनकी फसलों का अधिक से अधिक भाव मिल सकेगा । इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से बचाना है, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम मिल सके।

बिचौलियों की भूमिका होगी कम

वर्तमान में, कई किसान बिचौलियों के माध्यम से अपनी फसल बेचते हैं। इस प्रक्रिया में किसानों को उनकी फसल का पूरा भाव नहीं मिल पाता, क्योंकि बिचौलिए मुनाफा कमाते हैं। सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए ‘खेत से उपभोक्ता’ मॉडल को लागू करने का प्रयास कर रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस मॉडल के तहत किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा और बिचौलियों की भूमिका कम होगी।

‘खेत से उपभोक्ता’ मॉडल क्या है?

‘खेत से उपभोक्ता’ मॉडल का उद्देश्य किसानों और उपभोक्ताओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित करना है। इस मॉडल के तहत:

  • किसानों को अपनी फसल सीधे बाजार में बेचने का अवसर मिलेगा।
  • उपभोक्ताओं को ताज़ा और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सीधे किसानों से मिलेंगे।
  • बिचौलियों की भूमिका कम होने से किसानों को अधिक मुनाफा होगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसके बिना देश की समृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि राज्य का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों को समर्थन देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

सरकार के अन्य प्रयास

केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें शामिल हैं:

  1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीद:
    सरकार किसानों से MSP पर फसल खरीदकर उन्हें उचित मूल्य सुनिश्चित करती है।
  2. कृषि में तकनीकी विकास:
    सरकार किसानों को आधुनिक तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराकर उनकी उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
  3. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा:
    प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार किसानों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
  4. कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना:
    देशभर में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां किसानों को आधुनिक खेती के तरीके सिखाए जाते हैं।
  5. पीएम किसान सम्मान निधि योजना:
    इस योजना के तहत किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

किसानों की आय पर प्रभाव

किसानों की आय कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे जलवायु परिवर्तन, मिट्टी की गुणवत्ता, भूमि का आकार और सरकारी नीतियां। मौसम की मार और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को अक्सर नुकसान उठाना पड़ता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार किसानों को वित्तीय सहायता और बीमा योजनाएं प्रदान कर रही है।

निष्कर्ष

सरकार का ‘खेत से उपभोक्ता’ मॉडल किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मॉडल के साथ-साथ सरकार की अन्य योजनाएं भी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। कृषि क्षेत्र के विकास से न सिर्फ किसानों की स्थिति सुधरेगी, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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