नई दिल्ली: तेल मिलों की सीमित मांग बनी रहने से घरेलू बाजार में कल गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सरसों की कीमतें (Mustard Price) स्थिर बनी रही। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,225 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर सात लाख बोरियों की ही हुई।
व्यापारियों के अनुसार आयातित खाद्वय तेलों (imported edible oils) के दाम तेज होने के बावजूद भी सरसों में तेल मिलों की मांग सीमित बनी रही। हालांकि शाम के सत्र में ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 75 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की।
नीचे दाम पर बिक्री कम होने से उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवकों में कमी आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि किसानों के पास सरसों का बकाया स्टॉक ज्यादा है। इसलिए अभी दैनिक आवक बनी रहेगी। वैसे भी चालू सीजन में सरसों का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। गर्मी के कारण सरसों तेल की खपत भी सामान्य की तुलना में कमजोर रहेगी।
वैश्विक बाजारों में खाद्य तेल महंगा
विश्व बाजार में आज खाद्वय तेलों की कीमतों में तेजी आई। मलेशियाई पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) के अनुसार, एल नीनो के प्रभाव से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश में क्रूड पाम तेल (crude palm oil) का उत्पादन अगले साल 1 से 3 मिलियन टन के बीच कम होने की आशंका है। साथ ही कमजोर रिंगिट के कारण गुरुवार को मलेशियाई पाम वायदा में तेजी को बल मिला।
मलेशियाई वायदा बाजार में सबसे सक्रिय अनुबंध करीब 3 फीसदी तक बढ़ गया, जोकि दो सप्ताह के उच्च स्तर के पास पहुंच गया। पाम तेल की कीमतें लगातार दूसरे सत्र में 15 मई के बाद के उच्चतम बंद स्तर पर पहुंच गईं।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अगस्त डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 91 रिंगिट यानी 2.67 फीसदी की तेजी आकर भाव 3,498 रिंगिट प्रति टन हो गए। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.6 फीसदी तेज हुई। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.3 फीसदी तेज हो गया, जबकि इसके पाम तेल के वायदा अनुबंध में 0.8 फीसदी तक मजबूत हुआ।
नवंबर 2022 के बाद से डॉलर के मुकाबले रिंगिट 0.74 फीसदी गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई है, जिससे आयातकों के लिए पाम तेल सस्ता हो गया।
जयपुर सरसों तेल में गिरावट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को 14-14 रुपये कमजोर होकर दाम क्रमश: 971 रुपये और 961 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर आ गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 2525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।