सरसों साप्ताहिक समीक्षा: दिसंबर में मांग कमजोर रहने से सरसों मामूली गिरावट, देखें तेजी-मंदी की रिपोर्ट

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सरसों साप्ताहिक रिपोर्ट 4-9 दिसम्बर 2023: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार जयपुर सरसों 5900 रुपये पर खुला था जो शनिवार शाम 5850 रुपये पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग कमजोर रहने से -50 रुपये कुन्टल की गिरावट दर्ज की गई ।

पिछले वर्ष विकास में मुख्य चरण के मौसम ख़राब होने से सरसो का उत्पादन उम्मीद से कम हआ था। नवंबर महीने तक 97 लाख टन सरसो की आवक पूरी हुई, जिसमे से 81 लाख टन सरसो की क्रशिंग हो चुकी है। वहीं दिसंबर के शुरुआत में कुल मिलाकर 31 लाख टन सरसो उपलब्ध होने की रिपोर्ट मिली है। अगले 2 से 2.5 महीने के हिसाब से सरसो का स्टॉक पर्याप्त है, जिससे सप्लाई की कोई दिक्कत नहीं नजर आ रही है।

बड़ी तेज़ी के नहीं आसार

पर्याप्त मात्रा में स्टॉक, सरसो तेल और खल की ऊँचे में डिमांड कमजोर पड़ने से सरसो की तेजी अटक रही है। सरसो तेल का अंतर सोया तेल के साथ पिछले सप्ताह के अंत में 13 रुपये/किलो का था, जो इस सप्ताह बढ़कर 15 रुपये/किलो हुआ। सोया और अन्य तेलों में बढ़त के बिना सरसो तेल 1100 के ऊपर टिकना मुश्किल। सरसो में बड़ी तेजी के आसार कम लेकिन जैसे जैसे नयी फसल का समय नजदीक आएगा तब भाव टूटने की सम्भावना रह सकती है।

सरसो की बुवाई का रकबा बढ़ा

सरसो की बुवाई 89.185 लाख हेक्टेयर में पूरी हुई जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.25% अधिक है। राजस्थान और गुजरात में सरसो को बुवाई पिछड़ी है जबकि उत्तर प्रदेश में सरसों की बुवाई का रकबा 35% तक बढ़ा है।

राजस्थान और गुजरात में जीरा, इसबगोल और सौंफ में अधिक रुचि के चलते सरसो की बुवाई पिछले वर्ष से कमजोर बताई जा रही है। जीरा, सौंफ के ऊँचे भाव देख किसान इसको बुवाई का रकबा बढ़ा रहे हैं। मौसम अनुकूल होने से अब तक फसल की स्थिति अच्छी है।

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डिस्क्लेमर : उपरोक्त बाजार भाव रिपोर्ट व्यापारियों व अन्य मिडिया स्त्रोत से एकत्रित आकड़ों के आधार पर प्रकाशित की गई है, कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार करने से पहले मंडी समिति से प्राइस की पुष्टि अवश्य कर ले। कीमतों में बदलाव संभव है। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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