सरसों भविष्य तेजी मंदी:- बीते हफ़्ते सोमवार को जयपुर में सरसों 5200 रुपये पर खुली जो शनिवार शाम 5200 रुपये पर बंद हुई । पिछले सप्ताह के दौरान उठा-पटक के साथ प्लांट बालो की मांग सिमित रहने से कीमतें स्थिर रही ।
विदेशी बाज़ारों में गिरावट के बावजूद सरसो तेल में बीते सप्ताह 2-3 रुपये / किलो की बढ़त दर्ज की गयी। खल की मांग में भी सुधार देखने को मिला जिसके चलते खल के भाव 40-50 क्विंटल तक बढे।
निर्यात मांग मजबूत रहने से अप्रैल महीने में भारत ने 2.46 लाख टन सरसो निर्यात किया। जयपुर सरसो सिमित घट बढ़ के बाद बीते सप्ताह लगभग स्थिर बंद हुआ। वहीं सलोनी के भाव में बीते सप्ताह 100 रुपये/ क्विंटल की बढ़त दर्ज की गयी।
सरसो के भाव मंडियों में एमएसपी से काफी नीचे हैं फिर भी सरकारी खरीदारी धीमी है। 19 मई तक नाफेड ने 5.84 लाख टन सरसो ही ख़रीदा है। नाफेड की खरीदारी 10 से 12 लाख टन के बीच सिमट सकती है। ख़रीदे हुए स्टॉक को बाद में नाफेड कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल करेगी।
विदेशों से सस्ता विदेशी तेल का बड़ी मात्रा में आयात के चलते प्रोसेसर्स ऊँचे भाव में सरसो पकड़ने से बच रहे हैं। विदेशों में तेलों की पर्याप्त सप्लाई और घरेलु बाजार में खाद्य तेलों के ऊँचे स्टॉक के कारण सरसो की क्रशिंग कमजोर। अगले 10-15 दिन लिए सरसो के भाव नीचे में 100-150 और ऊपर 200-250 के बीच व्यापार करने का अनुमान।