सरसों साप्ताहिक तेजी-मंदी 15 दिसंबर 2024: बीते सप्ताह के दौरान सोमवार को जयपुर सरसों कंडीशन का भाव 6575 रुपए प्रति क्विंटल पर खुला । जो की कल यानी शनिवार शाम को 6500 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बंद हुआ। यानी पूरे कारोबारी सप्ताह मामूली उठापटक के बाद सरसों भाव में कुल 75 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट रही ।
कमजोर मांग, सामान्य सप्लाई और पक्के माल के दबाव के चलते सरसों के भाव में गिरावट का सिलसिला बना हुआ है । हालांकि, सप्ताह के अंत में सरसों तेल की कीमतों में मामूली सुधार देखने को मिला, जिससे सरसों के भाव में हल्की बढ़त दर्ज की गई।
नाफेड का स्टॉक और बिक्री
नाफेड (NAFED) ने बीते सप्ताह लगभग 34,000 टन सरसों की बिक्री की, जो उसके पिछले सप्ताह के 32,000 टन से अधिक है। अब तक नाफेड ने कुल 10 लाख टन से ज्यादा सरसों बेच दिया है। सरकारी एजेंसियों के पास अब भी 13-14 लाख टन सरसों का स्टॉक होने का अनुमान है। हालांकि, सरसों का कुल स्टॉक पर्याप्त माना जा रहा है, लेकिन इसकी गुणवत्ता चिंता का विषय बनी हुई है।
सरसों की बुवाई कमजोर
राजस्थान और गुजरात में सरसों की बुवाई कमजोर रहने से उत्पादन घटने की संभावना है। कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में 9 दिसंबर 2024 तक सरसों का कुल रकबा 32.70 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका, जो लक्ष्य 40.50 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 19% कम है।
उत्पादन पर मौसम का प्रभाव
राजस्थान और गुजरात में सामान्य से अधिक तापमान और वर्षा की कमी के कारण सरसों की फसल पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सरसों की उपज कम रहने की आशंका है, जिससे बाजार में कीमतें प्रभावित हो सकती हैं।
कच्ची घानी सरसों तेल और खल की स्थिति
बीते सप्ताह कच्ची घानी सरसों तेल और खल के भाव में मामूली गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल फिलहाल 1300 रुपए के सपोर्ट लेवल के करीब है, जहाँ से रिकवरी की उम्मीद की जा रही है।
जयपुर सरसों का भाव अपने सपोर्ट लेवल 6525 पर बंद हुआ है। यदि यह स्तर टूटता है तो इसके 6275 रुपए प्रति क्विंटल तक गिरने की संभावना जताई जा रही है।
2025 में सरसों का भाव क्या रहेगा?
सरसों भाव का भविष्य (2025) : साल 2024 लगभग बीत चुका है और ऐसे में अब किसानों और व्यापारियों की नज़र 2025 पर है। जैसा की आप जानते ही है की फरवरी के महीने में नई सरसों की छिटपुट आवक शुरू होती है, और मार्च आते-आते मंडियों में आवक जोर पकड़ लेती है। ऐसे में नए सीजन की शुरुआत के साथ एक बार अक्सर क़ीमतों में गिरावट देखने को मिलती है ।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों का निचला स्तर (Bottom Level) मार्च से मई के बीच बनता है। इसके बाद सरसों के भाव में फिर तेजी देखने को मिल सकती है। इस साल सरसों की बुवाई कमजोर रही है, जो भाव के लिए सकारात्मक संकेत है। सरकारी और निजी स्टॉक इस बार पहले के मुकाबले कम है, जो भाव को सहारा दे सकता है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस समय सरसों के भाव पहले ही पिछले साल की तुलना में लगभग 10% तेज हैं।
हालांकि, व्यापारियों और किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार में अपने विवेक से निर्णय लें और बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखें।