सरसों भाव तेजी मंदी रिपोर्ट: विदेशी बाजार में खाद्य तेलों (Cooking Oil) में चल रही गिरावट से घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों (Mustard Price) में बुधवार को भी मंदा आया। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें बुधवार को 8-8 रुपये कमजोर होकर क्रमशः 1265 रुपये और 1255 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर आ गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2450 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही, लेकिन ग्राहकी कमजोर थी।
वैश्विक स्तर पर मंदी की है आशंका
विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी (Global recession) की आशंका बनी रहने से विदेशी बाजार में खाद्य तेलों (edible oils) की कीमतों में लगातार मंदा बना हुआ है, जिसका असर घरेलू बाजार में सरसों एवं इसके तेल की कीमतों पर पड़ रहा है। कीमतों में चल रही लगातार मंदी के कारण घरेलू तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही है। इसलिए इसकी कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है।
पाम तेल की कीमतों में गिरावट जारी
मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में लगातार पांचवे दिन गिरावट आई, तथा इसके दाम पिछले 20 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए। जानकारों के अनुसार, ऊर्जा और शेयर बाजारों में वैश्विक उथल-पुथल से खाद्य तेलों में बिकवाली का दबाव बढ़ा है।
दुनियाभर के शेयर बाजार करीब दो साल के निचले स्तर पर आ गए हैं, तथा वैश्विक मंदी की आशंकाओं के कारण निवेशकों को बिकवाली बराबर बनी हुई है। मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर दिसंबर वायदा अनुबंध में लगातार पांचवे दिन 298 रिगिंट, यानि की 8.46 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3225 रिगिंट प्रति टन रह गए।
वैश्विक स्तर पर, डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध 0.36 फीसदी गिर गया, जबकि इसका पाम तेल अनुबंध 2.76 कमजोर हुआ। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड, सीबीओटी पर सोया तेल की कीमतें आज इलेक्ट्रॉनिक व्यापार में 1.57 फीसदी कमजोर हो गई।
सरसों की आवक
देशभर की उत्पादक मंडियों में बुधवार को सरसों की दैनिक आवक 1.85 लाख बोरियों की हुई, जबकि मंगलवार को भी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 85 हजार बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 15 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 30 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 5 हजार बोरी तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 35 हजार बोरियों की आवक हुई।