सरसों का उत्पादन 2023: देश में चालू रबी सीजन के दौरान सरसों का बिजाई क्षेत्र बेशक उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और आमतौर पर मौसम भी संतोषजनक रहा, जिसे ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने इसका कुल उत्पादन 128.18 लाख टन से बढ़कर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। जो पिछले उत्पादन 119.63 लाख टन से 8.55 लाख टन तथा 2020-21 सीजन के उत्पादन 102.10 लाख टन से 26.08 लाख टन ज्यादा है।
जानकारों के मुताबिक़ निस्संदेह सरसों का उत्पादन इस बार बेहतर होने की उम्मीद है लेकिन इसका आंकड़ा अधिक से अधिक 120 टन के आसपास पहुंच सकता है। राजस्थान एवं हरियाणा के कुछ भागों में बेमौसमी वर्षा, ओलावृष्टि तथा घने कोहरे की वजह से सरसों की फसल को कहीं-कहीं नुकसान हुआ था। आमतौर पर फसल की हालत अब अच्छी बताई जा रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल-सरसों- रेपसीड का बिजाई क्षेत्र 2021-22 सीजन के 91.25 लाख हेक्टेयर से 6.77 लाख हेक्टेयर उछलकर 2022-23 के वर्तमान सीजन में 98.02 लाख हेक्टेयर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इसके बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं गुजरात में क्षेत्रफल गत वर्ष से कुछ पीछे रह गया। इसी तरह आसाम, बिहार तथा छत्तीसगढ़ में सरसों की बेहतर बिजाई हुई लेकिन झारखंड में रकबा कुछ घट गया। उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि 2021-22 सीजन के दौरान देश में करीब 110 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था जबकि चालू सीजन के दौरान उत्पादन में 5-7 लाख टन की और बढ़ोत्तरी हो सकती है। मौसम अनुकूल होने से सरसों के दाने की क्वॉलिटी अच्छी रहेगी और उससे तेल की औसत रिकवरी दर में कुछ इजाफा हो सकता है।