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सरसों के भाव में लगातार तीसरे दिन भी गिरावट, आयातित खाद्य तेल में मंदा, देखें ताजा रिपोर्ट

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नई दिल्ली 15 अप्रैल : आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट से घरेलू बाजार में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन सरसों के भाव घट गए। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 5,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 8 लाख बोरियों की हुई।

व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में पर दबाव बना हुआ है, जिस कारण घरेलू बाजार में लगातार सरसों तेल की कीमतें कमजोर बनी हुई है।

अम्बेडकर जयंती के चलते कल कई मंडियां बंद होने के कारण सरसों की दैनिक आवकों में कमी दर्ज की गई, लेकिन उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है। इसलिए सरसों की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी।

उधर तेल मिलर्स जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रहे हैं। इसलिए इसके भाव में अभी तेजी के आसार नहीं है

जानकारों के अनुसार विदेशी बाजार में लगातार दूसरे दिन खाद्य तेलों की कीमतों में मंदा आने से पाम तेल की कीमतें कमजोर हुई। चालू सप्ताह में मलेशियाई पाम तेल के दाम 2.40 फीसदी तक कमजोर हुए हैं, जबकि इसके पहले दो सप्ताह में इसके दाम बढ़े थे।

विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर अभी दबाव बना रहने की उम्मीद है। बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जून डिलीवरी के लिए पाम तेल वायदा अनुबंध में 10 रिगिंट यानी की 0.27 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,703 रिंगिट प्रति टन रह गए।

डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल अनुबंध 0.78 फीसदी कमजोर हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.86 फीसदी घट गया। इस दौरान शिकागो बोर्ड ऑफ में सोया तेल वायदा अनुबंध 0.46 फीसदी कमजोर हुआ।

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन 10-10 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1058 रुपये और 1048 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल के दाम 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक शुक्रवार को 8 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 13 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 4.5 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 75 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 75 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 90 हजार बोरी तथा गुजरात में 35 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 75 हजार बोरियों की आवक हुई।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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