ताज़ा खबरें:

सरसों भाव साप्ताहिक रिपोर्ट 1 जून 2025: मिलर्स की सक्रियता से बाज़ार में उछाल

Jagat Pal

Google News

Follow Us

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्ली। पिछले सप्ताह देशभर की मंडियों में सरसों की कीमतों ने जोरदार तेजी का रुख़ देखा। 24 से 30 मई के बीच मिलर्स और व्यापारियों की बढ़ी हुई खरीदारी ने इस रबी फसल के भाव को 100 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक ऊपर पहुँचा दिया। यह उछाल इतना प्रभावी रहा कि ज़्यादातर प्रमुख मंडियों में दाम, सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,950 रुपये को भी पार कर गए। नतीजतन, सरकारी खरीद केंद्रों पर सरसों की आवक में भारी कमी दर्ज की गई।

एक ओर जहाँ सरसों तेल के दामों में हालिया बढ़त ने बाज़ार को गर्माया, वहीं खली (रेपसीड एक्सट्रैक्शन) की माँग में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ। यह सकारात्मक रुझान वैश्विक बाज़ारों से मिल रहे संकेतों और घरेलू उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव का संकेत देता है।

हालांकि हफ़्ते के आखरी दो कारोबारी दिनों में सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात पर 10 फ़ीसदी की कटौती से कीमतों में में गिरावट आई।

क्षेत्रवार बाज़ार गतिविधियाँ

  • उत्तर भारत: दिल्ली और जयपुर में 42% कंडीशन वाली सरसों 75-75 रुपये चढ़कर क्रमश: 6,575 और 6,775 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुँची। हरियाणा के हिसार में तो 300 रुपये की भारी छलांग लगी।
  • गुजरात व मध्य प्रदेश: डीसा और धनेरा मंडियों में दाम 75-155 रुपये ऊपर रहे, जबकि मुरैना, पोरसा और ग्वालियर में 50-225 रुपये की बढ़त दर्ज की गई।उत्तर प्रदेश की हापुड़ मंडी में भाव स्थिर रहा जबकि आगरा मंडी में 50 रुपये की तेजी के साथ सरसों 7050 से 7300 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।
  • राजस्थान: प्रमुख उत्पादक राज्य की बीकानेर मंडी में सरसों 310 रुपये उछलकर 6,290 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुँची। कोटा, भरतपुर और गंगानगर में भी मजबूती बरकरार रही।

तेल और खली में सुधार:
कच्ची घानी और एक्सपेलर दोनों प्रकार के सरसों तेल के दामों में 10-30 रुपये प्रति 10 किलो का इजाफा हुआ। आगरा में कच्ची घानी तेल 60 रुपये चढ़कर 1,450 रुपये पर सिमटा।

आवक का पैटर्न:
बीते सप्ताह के दौरान सरसों की घरेलू आवक भी स्थिर बनी रही। 24 मई को 4.25 लाख बोरी, 25 को 4.70 लाख, 27 को 4.75 लाख और 28 से 30 मई के बीच रोजाना 5.25 लाख बोरी सरसों की आवक मंडियों में दर्ज की गई।

सरसों खल को मिल रही अंतरराष्ट्रीय मांग:
एक और अहम संकेत आया है अंतरराष्ट्रीय बाजार से-चीन जैसे देश भारतीय सरसों खल (रेपसीड एक्सट्रैक्शन) की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसकी मांग में बढ़ोतरी से न केवल कीमतों को सहारा मिला है बल्कि निर्यात संभावनाओं को भी मजबूती मिल रही है।

किसानों के संदर्भ में :
MSP से ऊपर चल रहे भाव किसानों के लिए राहत भरे हैं, लेकिन विशेषज्ञ मौसम की अनिश्चितता और अंतर्राष्ट्रीय माँग में उतार-चढ़ाव पर नजर बनाए रखने की सलाह देते हैं।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now