Mustard Price: तेल मिलों की खरीद बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में गुरुवार को सरसों की कीमतें बढ़ गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 100 रुपये तेज होकर दाम 5,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को 25-25 रुपये तेज होकर भाव क्रमशः 1140 रुपये और 1130 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 25 रुपये तेज होकर भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई।
लगातार तीसरे दिन सरसों में उछाल
घरेलू बाजार में ब्रांडेड तेल मिलों ने लगातार तीसरे दिन सरसों की खरीद कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी की। उत्तर भारत के राज्यों में मौसम आज साफ है लेकिन मौसम विभाग ने अगले एक, दो दिनों तक खराब बना रहने की भविष्यवाणी की हुई है। इसलिए हाजिर बाजार में सरसों के भाव में हल्का सुधार और भी बन सकता है।
विदेशी बाजारों का हाल
विदेशी बाजार में आज खाद्य तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख देखा गया। कमजोर रिगिंट के साथ ही मलेशिया में प्रतिकूल मौसम से मलेशियाई पाम तेल वायदा में तेजी दर्ज की गई, हालांकि शिकागो में सोया तेल के दाम कमजोर हुए।
जानकारों के अनुसार जहां मलेशिया और इंडोनेशिया में प्रतिकूल मौसम का उत्पादन पाम तेल के उत्पादन पर पड़ने का डर है, वहीं यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की डिलीवरी को लेकर भी चिंताएं हैं क्योंकि ब्लैक सी ग्रेन कॉरिडोर संकट में है। इसलिए विश्व बाजार में खाद्य तेलों के भाव में सुधार आ सकता है।
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर मई डिलीवरी पाम तेल वायदा अनुबंध शाम के सत्र में 111 रिंगिट यानी 2.65 फीसदी बढ़कर 4,293 रिंगिट प्रति टन हो गए। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.7 फीसदी तेज हो गया, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध भी 1.7 फीसदी तेज हो गया। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतों में 0.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
सरसों की दैनिक आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक गुरुवार को 9.90 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 9.50 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 4.10 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.55 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.45 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 1.15 लाख बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 1.40 लाख बोरियों की आवक हुई।
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