केंद्र सरकार द्वारा घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 28 जून से 1 नवम्बर तक कुल 19 चक्र की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की गई और जिसमें सरकार द्वारा 30 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा गया।
सरकार द्वारा ओएमएसएस योजना के तहत 31 मार्च 2024 तक गेहूं की बिक्री जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री में बढ़ोत्तरी
सरकार ने 1 नवम्बर से साप्ताहिक ई-नीलामी में गेहूं की बिक्री का ऑफर 2 लाख टन से बढ़ाकर 3 लाख टन कर दिया है। इसी तरह प्रत्येक खरीदार को अब अधिकतम 100 टन के बजाए 200 टन गेहूं प्रति नीलामी खरीदने की अनुमति दी है और गेहूं की कुल बिक्री का कोटा भी 50 लाख टन से बढाकर 101.50 लाख टन निर्धारित कर दिया है।
1 नवम्बर 2023 को आयोजित ई-नीलामी के लिए 3 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर दिया गया था जिसमें से 2.88 लाख टन या 96 प्रतिशत की बिक्री हो गई। अधिक बिक्री का ऑफर देकर सरकार घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है।
मिलर्स- प्रोसेसर्स को सस्ते दाम पर सरकारी गेहूं मिल रहा है इसलिए इसके उत्पादों का बाजार भाव स्थिर रहने की उम्मीद की जा रही है। सरकार यह भी देख रही है कि इस गेहूं की मिलिंग उपयुक्त ढंग से हो और कोई इसका स्टॉक जमा करने की कोशिश न करे।
1 नवम्बर की नीलामी में गेहूं के लगभग बराबर रहा। लेकिन दिलस्चप तथ्य यह है कि अच्छी क्वालिटी की तुलना यूआरएस गेहूं की कीमत ऊंची रही क्योंकि इसकी खरीद में मिलर्स ने ज्यादा उत्साह दिखाया।
एफएक्यू गेहूं का भारित औसत मूल्य 2291.15 रुपए प्रति क्विंटल एवं यूआरएम गेहूं का भारित औसत मूल्य 2311.62 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
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