नई दिल्ली : गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार चीनी के निर्यात (Sugar Exports) पर भी बैन लगा सकती है. मिडिया में प्रकाशित ख़बरों के मुताबिक देश में बढ़ती चीनी की मांग के चलते कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है, चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ये कदम उठाने जा रही है. सरकार इसके अलावा अन्य विकल्पों का भी इस्तेमाल के बारे में भी सोच रही है जिसमें निर्यात को सीमित करना भी शामिल है.
मिडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार आने वाले कुछ ही दिनों में इसकी घोषणा कर सकती है .बीते साल में ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी निर्यातक देश था. हालांकि अभी खाद्य और वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है .
भारत चीनी का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत में इस बार चीनी का उत्पादन तकरीबन 35 मिलियन टन और खपत 27 मिलियन टन रहने की उम्मीद है. पिछले सीजन के लगभग 8.2 मिलियन टन के भंडार सहित, इसके पास निर्यात के लिए 10 मिलियन सहित, 16 मिलियन टन का सरप्लस है.
भारत चीनी का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है. इसलिए निर्यात रुकने का ग्लोबल शुगर मार्केट पर असर पड़ने की संभावना है. सूत्र के मुताबिक, शिपमेंट के 9 मिलियन टन तक पहुंचने के बाद निर्यातकों को बाकी 10 लाख टन भेजने के लिए परमिट के लिए आवेदन करना होगा. जानकरी के लिए आपको बता दें की भारत से बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और दुबई को सबसे ज्यादा चीनी निर्यात की गई है .
कंपनियों ने पिछले साल 1 अक्टूबर से 8.5 मिलियन टन शिपमेंट करने के लिए डील पर साइन किए हैं. इंडस्ट्री ग्रुप ने पिछले सप्ताह कहा था कि, अप्रैल के अंत तक अनुमानित 7.1 मिलियन टन भेज दिया गया है. वहीं मई में 8 लाख से 1 मिलियन टन निर्यात किए जाने की संभावना है.
sugar stock

इस साल अब तक 7.5 मिलियन टन चीनी का निर्यात
भारत सरकार इस साल 17 मई तक 7.5 मिलियन टन चीनी का निर्यात कर चुकी है. वो इसकी मात्रा 10 मिलिटन टन तक सीमित करने पर विचार कर रही है. भारतीय चीनी के मुख्य ग्राहक इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश हैं. ऐसे में चीनी के निर्यात पर रोक लगाने से इन देशों का बजट गड़बड़ हो सकता है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य पूरे देश में सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है. इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. ये तीनों राज्य देश के कुल चीनी उत्पादक का 80 फीसदी चीनी उत्पादित करते हैं. इन राज्यों के अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा और पंजाब भी गन्ना उत्पादक राज्य हैं.








