नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने आज मनरेगा [MNREGA] को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जो आपकी जेब से लेकर रोजगार की गारंटी तक, हर चीज़ को बदलकर रख देगा। सरकार ने सालों से चली आ रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ (Pujya Bapu Gramin Rozgar Yojana) कर दिया है। लेकिन नाम से ज्यादा अहम है—अब आपको सालाना 100 दिन नहीं, बल्कि 125 दिनों का काम मिलेगा और हर दिन की मजदूरी 240 रुपये होगी।
नाम बदला या किस्मत? जानिए
आपको लग रहा होगा की—नाम बदलने से क्या फर्क पड़ता है? तो सुनिए, इस बार सरकार ने नाम के साथ-साथ कुछ अहम बदलाव भी किए है। पहले आपको एक वित्तीय वर्ष में सिर्फ 100 दिन की गारंटी थी, लेकिन अब ये सीधे 25 दिन बढ़कर 125 हो गई है। मतलब, हर परिवार को लगभग चार महीने का काम मिलना तय है। साथ ही अब मजदूरी भी 240 रुपये प्रति दिन कर दी गई है।
नरेगा से मनरेगा तक का सफर
आपमें से बहुत से भाइयो-बहनों को याद होगा—2005 में जब ये योजना शुरू हुई थी, तो इसका नाम था राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA 2005)। बाद में इसमें महात्मा गांधी का नाम जोड़कर MGNREGA कर दिया गया। अब ‘पूज्य बापू’ नाम से गांव-गांव में इसकी पहचान बदलने जा रही है। लेकिन एक बात तो तय है—चाहे नाम कुछ भी रहा, इस योजना ने ग्रामीण [rural economy] को संभालने में अहम भूमिका निभाई है।
कौन से काम मिलेंगे? जानिए पूरी लिस्ट
सरकार ने साफ किया है कि इस योजना के तहत जो काम दिए जाएंगे, वो पूरी तरह श्रमप्रधान होंगे। मतलब, आपकी मेहनत से ही बनेगा देश। इसमें शामिल हैं—road construction, जल संरक्षण, तालाब की खुदाई, बागवानी और अन्य सामुदायिक विकास कार्य। यानी, आपकी मेहनत से गांव की सड़कें बेहतर होंगी, खेतों में पानी टिकेगा और समुदाय का विकास होगा।
क्या ये बदलाव जरूरी था?
आप जानते हैं—प्रवासी मजदूरी यानी पलायन, ये हमारे गांवों की सबसे बड़ी समस्या रही है। जब गांव में काम नहीं मिलता, तो लोग शहरों की ओर रुख करते हैं। लेकिन इस योजना ने उस पर निर्भरता कम की है। साथ ही, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में भी इसने अहम भूमिका निभाई है। अब जब दिन और मजदूरी दोनों बढ़ेंगे, तो ये लाभ और भी बढ़ना तय है।
मजदूरों को क्या-क्या मिलेगा? ध्यान से पढ़िए
- रोजगार की गारंटी: 125 दिन का काम, मतलब चार महीने से ज्यादा की सुरक्षा
- मजदूरी में बढ़ोतरी: हर दिन 240 रुपये, यानी महीने का 7,200 रुपये (अगर 30 दिन भी मिलें)
- स्थानीय विकास: गांव में ही रोजगार, पलायन से मुक्ति
- महिला सशक्तिकरण: और अधिक महिलाएं जुड़ सकेंगी
सवाल ये है—कब मिलेगा लाभ?
अभी सरकार ने फैसला तो ले लिया है, लेकिन आपको इसका लाभ तभी मिलेगा जब राज्य सरकारें इसे अपने स्तर पर लागू करेंगी। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से साफ संकेत हैं—जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी होगी और नए साल से ये नियम लागू हो सकते हैं।












