नांदेड़ बाढ़ : महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ जिले में सितंबर के पहले सप्ताह में आई भीषण बाढ़ और मूसलाधार बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए फंड की घोषणा कर दी है। राज्य सरकार ने इस आपदा से हुई फसल क्षति के मुआवजे के तौर पर ₹812 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, जो सीधे प्रभावित किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।
बाढ़ से हुई भारी तबाही
Nanded flood relief : नांदेड़ जिले में 1 से 3 सितंबर के बीच भारी बारिश और बाढ़ के कारण 5,96,517 हेक्टेयर कृषि भूमि पर लगी फसलें बर्बाद हो गईं। इससे 7,83,915 किसान सीधे तौर पर प्रभावित हुए। मुख्य फसलों के अलावा, बागवानी और बारहमासी फसलें भी इस आपदा में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं।
मुआवजे राशि में की बढ़ोतरी
इस बार राज्य सरकार ने किसानों को अतिरिक्त राहत देने के लिए फसल क्षति के मुआवजे में वृद्धि की है। नई दरें निम्नानुसार हैं:
- मुख्य कृषि फसलें: ₹8,500 से बढ़ाकर ₹13,500 प्रति हेक्टेयर।
- बागवानी फसलें: ₹17,000 से बढ़ाकर ₹27,000 प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी फसलें: ₹22,500 से बढ़ाकर ₹36,000 प्रति हेक्टेयर।
इसके अलावा, पहले प्रत्येक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक का मुआवजा दिया जाता था, जिसे अब 3 हेक्टेयर तक बढ़ा दिया गया है।
प्रशासन की तत्परता
जिला प्रशासन द्वारा किए गए व्यापक सर्वेक्षण के आधार पर राज्य सरकार ने 10 दिसंबर को यह राहत राशि मंजूर की। प्रभावित किसानों को यह मुआवजा जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए सीधे बैंक खातों में स्थानांतरण की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
किसानों को क्या मिलेगा फायदा?
- मुआवजे की दरों में वृद्धि से किसानों को पहले की तुलना में अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी।
- 3 हेक्टेयर तक की सीमा बढ़ने से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
- यह कदम राज्य सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देने को दर्शाता है।