किसान सभा ने हरियाणा के रोहतक में की बैठक, बनाई 2023 के किसान आंदोलन की रणनीति

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किसान सभा हरियाणा के पदाधिकारियों ने आज हरियाणा के रोहतक में बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया की आने वाली 26 जनवरी को जींद में महापंचायत का आयोजन किया जायेगा। इस महापंचायत में हरियाणा सहित पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश इत्यादि राज्यों के किसान हिस्सा लेंगे।

जैसा की आप जानते हैं 2021 में किसानों ने वर्तमान सरकार के 3 किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन करके धरना दिया था। उस सरकार को झुकना पड़ा था। सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया था।

अब किसान संगठन कह रहे हैं कि सरकार अपने वायदों से मुकर रही है। उन सभी मांगों को मनवाने के लिए किसान संगठन, फिर से सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए आंदोलन की तैयारी में है।

आज रोहतक की बैठक में आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई गयी। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया कि 26 जनवरी को जींद (हरियाणा) में महापंचायत का आयोजन किया जायेगा। इस महापंचायत में अगले किसान आंदोलन की रणनीति बताई जाएगी।

क्यों जरूरत पड़ रही है फिर से आंदोलन करने की ?

किसानों का कहना है की सरकार ने हमारे साथ विश्वासघात किया है। बिजली बिल के कानून में संशोधन से लेकर MSP पर खरीद की गारंटी तक के कानूनों पर सरकार नहीं मानी है। इसी के साथ किसान संगठनों की अन्य मांगे नीचे दी गयी हैं :-

  1. गन्ने का भाव 450 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब पर करना होगा।
  2. बिजली संशोधन विधेयक 2022 वाला वापिस लो।
  3. खराब हुई फसलों के मुआवजों को जल्द भुगतान करो।
  4. उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी काण्ड के मुख्या आरोपी गृह राज्य मंत्री श्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करके जल्द गिरफ्तार करो।
  5. इसी काण्ड के निर्दोष गिरफ्त किसानों को रिहा करो।
  6. किसानो और मजदूरों का कर्ज माफ़ किया जाए।
  7. स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागु करके उस पर फसल खरीद की कानूनी गारंटी।

इसके आलावा आज उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के पास शिकारपुर में भी वहां के किसानो ने धरना प्रदर्शन किया। उनकी भी काफी साडी मांगे रही हैं। उत्तरप्रदेश के किसान भी 26 जनवरी को जींद में होने वाली महापंचायत में भाग लेंगे।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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