जयपुर : प्रदेश में सरसों की सरकारी खरीद (Mustard Procurement) 1 अप्रेल से शुरू की गई थी। जिसके बाद कोटा-बूंदी में 13,160 किसानों से सरसों की एमएसपी पर खरीदी जानी है। कोटा में समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने के लिए 6838 किसानों ने पंजीयन करवाया था जिसमें से 6382 को तुलाई की तिथि आवंटित कर दी गई है, जबकि 456 किसान अभी बाक़ी हैं। इसी प्रकार बूंदी में 6322 में से अभी 4294 को ही तिथि आवंटित हुई है और 2028 किसान बाक़ी हैं।
निर्धारित समय अवधि में सभी किसानों की उपज की तुलाई नहीं होने हाजिर मंडियों में सरसों की कीमत में गिरावट से किसानों को हो रहे नुक़सान को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीद अवधि बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं।
इस आदेश के बाद अब राजस्थान के बाक़ी बचे हुए किसानों से सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर खरीद 14 जुलाई 2023 तक की जाएगी ।
सरसों भाव में गिरावट से किसानों को नुकसान
गौरतलब है कि सरकार द्वारा किसानों से सरसों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपए प्रति क्विटल की दर से जा रही है, जबकि हाजिर कृषि उपज मंडियों में सरसों का भाव 4300 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है । ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 1000 से भी ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है, किसानों को हो रहे इस नुक़सान को देखते हुए और बिरला ने प्रयास से कृषि मंत्रालय में उच्च स्तर पर बात करके सरसों की सरकारी खरीद की तिथि को 14 जुलाई तक बढ़वाया है। यहाँ देखें सरसों का ताजा भाव हाज़िर मंडियों में क्या चल रहा है।