MSP Increases News: केंद्र सरकार की और से MSP को लेकर किसानों के लिए एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई है। सरकार ने जूट की खेती (Jute cultivation) करने वाले किसानों को MSP में बढ़ोतरी का तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने पिछले सीजन की तुलना में 2024-25 सीजन के लिए जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 285 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है।
कैबिनेट द्वारा 285 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य अब 5050 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इससे जूट की फसल का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
देश में जुट का उत्पादन
भारत में जुट की खेती की बात करें तो बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम और उत्तर प्रदेश के कुछ तराई भागों में तकरीबन 16 लाख एकड़ भूमि में की जाती है। जुट के कुल उत्पादन का लगभग 67% हिस्सा भारत में ही खपत होता है। जबकि 7 फ़ीसदी किसानों के पास रह जाता है और बाक़ी का ब्रिटेन, बेल्जियम जर्मनी, फ्रांस, इटली और अमेरिका को एक्सपोर्ट किया जाता है।
जुट का उपयोग
जानकारी के लिए आपको बता दें कि जूट के रेशे बोरे, दरी, तम्बू, तिरपाल, टाट, रस्सियां, कपड़े और कागज बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
पटसन, पाट या पटुआ एक द्विबीजपत्री, रेशेदार पौधा है। इसका तना पतला और बेलनाकार होता है। इसके तने से पत्तियाँ अलग कर पानी में गट्ठर बाँधकर सड़ने के लिए डाल दिया जाता है। इसके बाद रेशे को पौधे से अलग किया जाता है।
भारत में 23 फसलें MSP के दायरे में
सरकार द्वारा रबी और खरीफ को मिलाकर कुल 23 फसलों को MSP दायरे में रखा गया है। खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अनाज , दालों, तिलहन और व्यावसायिक फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करती है। ये फसलें निम्नलिखित है…
क्रम संख्या | फसलें |
1 | धान |
2 | गेहूं |
3 | जौ |
4 | मक्का |
5 | ज्वार |
6 | बाजरा |
7 | रागी |
8 | अरहर |
9 | चना |
10 | उड़द |
11 | मूंग |
12 | मसूर |
13 | सरसों |
14 | मूंगफली |
15 | सोयाबीन |
16 | सूरजमुखी |
17 | तिल |
18 | कुसम |
19 | रामतिल |
20 | कपास |
21 | गन्ना |
22 | कच्चा जूट |
23 | खोपरा/ नारियल |