खाद्य सुरक्षा तथा महंगाई पर अंकुश के लिए गेहूं की खरीद में वृद्धि होना आवश्यक

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नई दिल्ली : भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा प्रति वर्ष लाखों टन चावल एवं गेहूं केन्द्रीय पूल के लिए खरीदा जाता है और फिर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत उसका वितरण किया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व उसी पर है।

इसके अलावा स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना, महिला एवं बाल विकास योजना, मनरेगा, एसीएसटी छात्राओं में आपूर्ति तथा सेना (रक्षा विभाग) की मांग आदि को पूरा करने के लिए भी खाद्य निगमे को खाद्यान्न की आपूर्ति करनी पड़ती है। साथ ही साथ बाढ़, सूखा, तूफान एवं हिमपात सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य राहत के तहत भी उसे चावल-गेहूं की आपूर्ति के लिए तैयार रहना पड़ता है। इसके लिए उसके पास खाद्यान्न का विशाल स्टॉक होना आवश्यक है।

पिछले साल गेहूं की सरकारी खरीद में जबरदस्त गिरावट आ गई थी क्योंकि इसका उत्पादन प्रभावित हुआ था और बाजार भाव काफी ऊँचा रहा था। इसके मुकाबले चालू वर्ष की खरीद बेहतर रहने की उम्मीद है। हालांकि इस बार भी कुछ प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ लेकिन कुछ विशेष कारणों इसकी सरकारी खरीद बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

एक तो गेहूं तथा इसके उत्पादों के निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है और निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना नहीं है। इसके अलावा फरवरी-मार्च में सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओऍमएसएस) के तहत नीचे दाम पर विशाल मात्रा में गेहूं का स्टॉक घरेलू बाजार में उतार दिया था जिससे वहां इसकी कीमतों में जोरदार गिरावट आ गई।

इसके बाद नई फसल की आवक शुरू होने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। पिछले साल 187.92 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि चालू वर्ष में 30 अप्रैल तक ही इसकी मात्रा बढ़कर 221 लाख टन से ऊपर पहुंच गई।

सरकार ने इस बार 341.50 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए लगता है कि वास्तविक खरीद इस लक्ष्य तक तो शायद नहीं पहुंच पायेगी मगर 250 लाख टन तक अवश्य पहुंच जानी चाहिए। दरअसल उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार में गेहं की सरकारी खरीद बहुत कम हो रही है। आगे अल नीनो का खतरा है इसलिए सरकार के पास अनाज का पर्याप्त स्टॉक होना जरूरी है।

आवक बढ़ने से गेहूं की क़ीमतों में स्थिरता

गेहूं लारेंस रोड पर 9000 बोरी की आवक हुई, आवक बेहतर बनी रहने से गेहं की कीमतों में स्थिरता बनी रही और भाव उत्तर प्रदेश लाइन नया गेहूं 2290 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

मध्य प्रदेश उत्पादक गेहूं मंडियों में आज गेहं की अच्छी क्वालिटी कम आई। इंदौर मंडी में मालवराज गेहूं 1950 रुपए एवं पूर्णा- 2700 रुपए प्रति क्विंटल का भाव रहा। नीमच मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं का भाव 2100 रुपए व लोकमान 2300/2700 रुपए प्रति क्विंटल हो गये।

राजस्थान के बारां मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं की कीमत 2075/2100 रुपए प्रति क्विंटल व बढ़िया टुकड़ी गेहूं- 2400/2550 रुपए प्रति क्विंटले हो गये।

उत्तर प्रदेश की उत्पादक गेहूं मंडी शाहजहांपुर 2140 रुपए प्रति क्विंटल बिका आवक 14000 क्विंटल की रही और भाव समान रहा। जबकि हरदोई मंडी में भाव 2121 रुपए प्रति क्विंटल हो गये और सीतापुर गेहूं की कीमतों में 16 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई और भाव 2105 रुपए प्रति क्विंटल हो गये।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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