ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी के बावजूद भी ग्वार सीड में मंदा बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों में ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में तो बढ़ोतरी हुई है, लेकिन राजस्थान एवं हरियाणा में मौसम साफ होने से उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़ी है, जबकि प्लांटों की मांग कमजोर बनी हुई है। इसलिए हाजिर बाजार में इसके भाव में नरमी बनी हुई है।
हाजिर मंडियों में ग्वार का भाव
नोहर 4000 से 4611 रुपए, श्री गंगानगर 41610-4609 रुपए, पदमपुर 3854-4561 रुपए, रायसिंहनगर 4300 से 4560 रुपए, रावला 4350 से 4540 रुपए, रिडमलसर 4491 रुपए, सादुलपुर 4725 से 4750 रुपए, सादुलशहर 4061 से 4501 रुपए, संगरिया 3500 से 4521 रुपए, सूरतगढ़ 3800 से 4508 रुपए, घड़साना 4270 से 4645 रुपए, ऐलनाबाद 3750-4550 रुपए, सिरसा 4100-4605 रुपए, आदमपुर 4400 से 4701 रुपए, भट्टू 4000 से 4160 रुपए प्रति क्विंटल का रहा।
दैनिक आवक बढ़ी
व्यापारियों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा एवं गुजरात की मंडियों में नए ग्वार सीड की दैनिक आवक बढ़कर 28 से 30 हजार बोरियों की हो रही है, जबकि पुराना ग्वार सीड भी 2500 से 3000 बोरी आ रहा है।
माना जा रहा है कि दीपावली तक इसकी दैनिक आवक इसी तरह की बनी रह सकती है, लेकिन दीपावली के बाद दैनिक आवकों में और बढ़ोतरी होगी।
प्लांटों के पास ग्वार गम का स्टॉक ज्यादा है, जिस कारण प्लांट सीमित मात्रा में ही खरीद कर रहे हैं। इसलिए ग्वार सीड एवं ग्वार गम की कीमतों में मंदा बना हुआ है।
चालू खरीफ में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में ग्वार सीड की बुआई पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना हुई, जिस कारण इसका उत्पादन अनुमान भी बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि स्टॉकिस्ट ग्वार गम और सीड के दाम तेज करना चाहते हैं, लेकिन अभी तेजी टिक नहीं पायेगी।
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1.90 लाख टन का हुआ है, जोकि मूल्य के हिसाब से करीब 2,317 करोड़ रुपये का है। इसके पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 1.33 लाख टन का ही हुआ था, जोकि मूल्य के हिसाब से 1,081 करोड़ रुपये का था।