गेहूं की सरकारी खरीद हुई इतनी, स‍िर्फ 92 लाख मीट्र‍िक टन की और जरूरत

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्ली: चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 में 8 मई तक गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद बढ़कर 249.59 लाख टन की हो गई है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार इस दौरान देशभर के 19.73 लाख किसानों से 53,037.24 करोड़ रुपये मूल्य का गेहूं खरीदा गया है।

गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दैनिक खरीद में अब कमी आने लगी है। देशभर की मंडियों से 8 मई को एमएसपी पर केवल 3.03 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है, जबकि चालू सप्ताह के आरंभ में पांच से छह लाख टन दैनिक की हो रही थी।

गेहूं की सरकारी खरीद कितनी है?

Wheat Procurement: सूत्रों के अनुसार चालू रबी सीजन में पंजाब से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद करीब 120 लाख टन की हो चुकी है, जबकि खरीद का लक्ष्य 132 लाख टन का है। इसी तरह से हरियाणा से चालू रबी में एमएसपी पर 61.60 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि लक्ष्य 75 लाख टन का है। मध्य प्रदेश से चालू रबी में 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था, जबकि अभी तक 63.80 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई है।

गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश से चालू रबी में 35 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय ही हो पाई थी। किया था, जबकि अभी तक खरीद केवल 1.50 लाख टन की ही हुई है। राजस्थान की मंडियों से चालू में 2.32 लाख टन गेहूं की सरकारी लाख गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है।

गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य नहीं हुआ पूरा

चालू रबी विपणन सीजन 2023- 24 में केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य 341.50 लाख टन का तय कर रखा है, लेकिन जिस तरह से मंडियों में गेहूं दैनिक आवक कम होने लगी है, उसे देखते हुए एमएसपी पर खरीद 300 लाख टन से भी कम रहने की आशंका है। भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के अनुसार पिछले रबी विपणन सीजन 2022-23 के दौरान देशभर के राज्यों से एमएसपी पर केवल 187.92 लाख टन गेहूं की खरीद

केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2023-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2, 125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि रबी विपणन सीजन 2022-23 में एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था ।

कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2022-23 में देश में गेहूं का उत्पादन 11.21 करोड़ टन होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले साल 10.77 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

Leave a Comment

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now