Pyaj Bhandaran Yojana 2023: देशभर में प्याज की खेती करने वाले किसानों के हालात काफी बुरे चल रहे है, कारण है प्याज कि गिरती कीमतें। जी हाँ किसानों को प्याज के दाम इतने कम मिल रहे है कि किसानों की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। प्याज व्यापारी किसानों से 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्याज की ख़रीद कर रहे है।
किसानों के पास प्याज के स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण मजबूरी में उन्हें औने-पौने दाम में अपनी फसल को बेचना पड़ रहा है। ऐसे में कुछ जगहों से प्याज के उचित दाम नहीं मिलने के कारण गुसाये किसानों द्वारा प्याज़ को सड़कों पर फेंकने की खबरें तक सामने आ रही हैं।
ऐसे में राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को प्याज भंडारण गृह (onion storage house) बनाने के लिए 87500 का अनुदान दिया जा रहा है। ताकि किसान प्याज को सस्ते रेट पर बेचने के बजाय उसका भंडारण कर सके और भाव बढ़ने पर इसे बेचकर मुनाफा कमा सके। आइये जाने, क्या है पूरी योजना और किसान कैसे उठा सकते है इसका लाभ…
राजस्थान में प्याज की उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए स्टोरेज हाउस यूनिट स्थापित करने का विकल्प दिया जा रहा है. इसके लिए किसानों को राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है.
प्याज भंडारण संरचना बनाने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी
Pyaj Bhandaran Yojana Rajasthan: राजस्थान सरकार द्वारा प्याज उत्पादक किसानों के लिए प्याज़ स्टोरेज इकाई का निर्माण करने के लिए अनुदान दिया जा रहा है ताकि किसान अपने प्याज़ भंडारण कर सके और सही कीमत मिलने पर इसे बेच सके। योजना के तहत किसान को प्याज भण्डारण संरचना (25 मीट्रिक टन क्षमता) निर्माण हेतु इकाई लागत का 50% अधिकतम राशि रुपये 87500 अनुदान देय है। इस संरचना पर सब्सिडी पाने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 0.5 है भू-स्वामित्व होना आवश्यक है।
ऐसे करना होगा आवेदन
किसान प्याज भंडारण निर्माण पर सब्सिडी का लाभ पाने के लिए राजस्थान के किसानों को राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा किसान अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर भी जाकर आवेदन फॉर्म प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन करते वक्त किसानों के पास आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमाबंदी की नकल( 6 महीने से अधिक पुरानी न हो) होना जरूरी है।
भौतिक सत्यापन के बाद मिलेगी राशि
आवेदन करने के बाद किसानों प्याज भंडारण संरचना के निर्माण की स्वीकृति दी जाएगी। स्वीकृति के बाद गठित कमेटी द्वारा सत्यापन किया जा सकेगा। भौतिक सत्यापन के बाद अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।