नई दिल्ली, ईमंडी रेट्स: चना वायदा में आई नरमी के साथ ही दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में राजस्थानी चना के दाल 75 रुपये घटकर 5375 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के दाम भी 75 रुपये टूटकर 5325 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा लाईन की मसूर के दाम मुंबई, कांडला, मुंद्रा और हजीरा बंदरगाह के साथ ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव में मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। बाजार में व्यापारी इस समय देखो और प्रतीक्षा करों की नीति अपना रहे हैं, क्योंकि बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।
सरकार द्वारा हाल ही में दालों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बाद से दलहन उद्योग में घबराहट देखी जा रही है। साबुत दालों के साथ-साथ ही प्रोसेस दाल की कीमतों में भी कमी आई है। जबकि पहले से ही बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में कम। आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की कमजोर मांग से आज मुंबई में लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये का मंदा रहा, इस बीच आगे के व्यापार में भारतीय खरीदार बर्मा से नई अरहर 2021 की खरीद कर रहे है, जिसके जून डिलीवरी और जुलाई शिपमेंट के भाव क्रमश: 6150-6250 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 22 मई 2021 को जारी एक महत्वपूर्ण सूचना के माध्यम से म्यांमार से आयातित उड़द तथा अन्य दलहनों की खेपों को क्लीयरेंस देने की शर्तों में भारी रियायत प्रदान की है। अब 31 अक्टूबर 2021 तक के बिल ऑफ लेडिंग (बीएल) वाले बर्मी दलहनों की आयातित खेपों के लिए प्लांट क्वारंटाइन एवं फायटोसैनिटरी सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को स्थगित दिया गया है।
इसक मतलब यह हुआ कि अगर म्यांमार से दलहनों का आयात करने वालों ने सम्बन्धित अधिकारी से फायटोसैनिटरी सर्टिफिकेट नहीं लिया है जो उचित निरीक्षण एवं धुआंकरण के बाद प्रदान किया जाता है और प्लांट क्वारंटाइन आर्डर, 2003 के तहत आवश्यक है तो भी उस दलहन की आयातित खेप को सिर्फ एक बार की निरीक्षण फीस (सामान्य चार्ज) के साथ और कृषि, सहकारिता तथा किसान कल्याण विभाग को राहत देने का कारण बताए बगैर बंदरगाहों से क्लीयरेंस मिल जाएगी। सरकार के इस निर्णय से देश में म्यांमार से जल्दी-जल्दी दलहनों का आयात हो सकता है क्योंकि अब भारतीय बंदरगाहों पर कोई रोक-टोक नहीं होगी और न ही आयातित खेपों को क्लीयरेंस मिलने में देरी होगी।
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नोट :व्यापारी व्यापार अपने विवेक से करें..