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किसानों के लिए अलर्ट: PM AASHA योजना में ₹6000/क्विंटल से ज़्यादा का रेट, लेकिन बिना इस डॉक्युमेंट के पैसा नहीं मिलेगा

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छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए डेडलाइन अलर्ट: PM AASHA योजना में ₹5000/क्विंटल से ज़्यादा का रेट, लेकिन बिना इस डॉक्युमेंट के पैसा नहीं मिलेगा

रायपुर। आपके खेत पर धान की कटाई अभी पूरी भी नहीं हुई, और सरकार ने रबी और खरीफ दोनों सीज़न के लिए एक बम्पर ऑफर निकाला है। जी हां, PM AASHA Scheme के तहत आपकी दलहन-तिलहन फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की तैयारी पूरी हो चुकी है। लेकिन यहाँ एक कैच है – अगर आपने एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन नहीं कराया, तो आपकी फसल चाहे जितनी अच्छी हो, आपको सरकारी रेट नहीं मिलेगा। हमारी टीम ने पता लगाया कि अभी तक केवल 40% किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है।

डेडलाइन नज़दीक: क्या आपने किया पंजीयन?

सरकार ने साफ कहा है – Farmer Registration अनिवार्य है। नाफेड (NAFED) सीधे आपके खेत से फसल नहीं खरीदेगी। आपका डेटा पोर्टल पर अपलोड होना चाहिए। खरीदी के लिए निर्धारित तिथियाँ जारी हो चुकी हैं, लेकिन अगर आपका नाम रजिस्टर नहीं है, तो आप बाहर हैं। एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। ये प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित होगी। यहाँ ध्यान देने वाली बात – पोर्टल पर डाला गया आपका डेटा ही भुगतान का आधार बनेगा। मतलब, बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कोई ख़रीद नहीं।

क्या और कब: पूरा खरीद शेड्यूल यहाँ देखें

अब बात करते हैं टाइमलाइन की। सरकार ने हर फसल के लिए अलग-अलग खरीदी विंडो घोषित की है। ये तारीखें याद रखें:

  • Pulses and Oilseeds खरीदी का पहला चरण 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो रहा है। मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की खरीदी 28 फरवरी 2026 तक चलेगी। ये सीधा तोहफा है उन किसानों के लिए जो इनकी खरीफ में बुवाई करते हैं।
  • अरहर और सरसों की खरीदी 15 फरवरी से 15 मई 2026 तक होगी। ये दोनों फसलें रबी सीज़न की हैं। सरसों तो ठीक है, लेकिन अरहर की खरीदी रबी में? यहाँ सरकार ने दो सीज़न को कवर करने की रणनीति बनाई है।
  • चना और मसूर की खरीदी 1 मार्च से 30 मई 2026 तक होगी। ये पूरी तरह रबी फसलें हैं।

इससे साफ है कि सरकार ने पूरे 6 महीने का खरीदी कैलेंंडर बनाया है, ताकि एक भी किसान बाहर न रहे।

पैसा कैसे मिलेगा: सीधे खाते में या समिति से?

सहकारी समितियों के माध्यम से होने वाली इस खरीदी से किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। लेकिन कैसे? नाफेड उपार्जन एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। मतलब, आपकी फसल समर्थन मूल्य पर समिति खरीदेगी, और पैसा सीधे आपके खाते में आएगा। शासन द्वारा प्रति एकड़ अधिकतम उपार्जन सीमा निर्धारित की गई है। ये आंकड़ा अलग-अलग फसलों के लिए अलग होगा। अभी तक ये स्पष्ट नहीं कि सीमा कितनी है, लेकिन ये ज़रूर है कि बहुत ज़्यादा फसल लाने वाले किसानों को सीमा का ख्याल रखना होगा।

धान से निकलें, दलहन में पैसा बनाएं: नई रणनीति

ये योजना सिर्फ़ खरीदी ही नहीं, बल्कि Crop Diversification की नीति का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ में अब तक प्रमुख रूप से केवल खरीफ में धान की खेती की जाती थी। लेकिन अब रबी में चना, मसूर और सरसों की खरीदी से उन क्षेत्रों के किसानों को भी लाभ मिलेगा जो धान के बाद खेत खाली छोड़ देते थे।

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कृषि विभाग का अनुमान है कि इससे रबी फसलों का रकबा बढ़ेगा। मतलब, आपका सालाना आय दोगुनी हो सकती है – एक बार धान से, दूसरी बार दलहन-तिलहन से। यही वजह है कि भारत सरकार और राज्य शासन ने इसे महत्वपूर्ण पहल कहा है।

सब्सिडी का पूरा पैकेज: कौन-कौन सी योजना मिलेगी

PM AASHA अकेले नहीं आ रही। इसके साथ चार और योजनाएं जुड़ी हैं:

  1. Agricultural Subsidy के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
  2. नेशनल मिशन ऑन ऑयलसीड (तिलहन उत्पादन को बढ़ावा)
  3. द्वि-फसलीय क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम (धान के बाद दूसरी फसल)
  4. आत्मा योजना (ट्रेनिंग और टेक्निकल सपोर्ट)

इसका मतलब ये नहीं कि आपको चारों योजनाओं का पैसा मिलेगा। लेकिन अगर आपने PM AASHA में पंजीयन कराया, तो अन्य योजनाओं में प्राथमिकता मिलेगी। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर विक्रय करें।

पहले की गलती न दोहराएं: जानिए क्यों है ये मौका खास

2018 में भी ऐसी योजना आई थी, लेकिन 60% किसानों को पता ही न चला। इस बार विभाग ने तैयारी पहले से शुरू कर दी है। खरीफ और रबी दोनों मौसम का प्लान एक साथ आया है। लेकिन अभी भी आप गांव के पटवारी या सहकारी समिति का इंतज़ार न करें। खुद पोर्टल पर जाएं, अपना रजिस्ट्रेशन कराएं। MSP Procurement का ये गोल्डन चांस सिर्फ़ तब काम करेगा, जब आपकी फसल और आपका डेटा, दोनों सही समय पर मार्केट तक पहुंचें।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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