Farmer Electricity Connection: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है, अब किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटने वाली है। जी हाँ किसानों के लिए सस्ती बिजली से लेकर सौर ऊर्जा और अनुदान तक, ये योजनाएं किसानों की जिंदगी को आसान बनाने का वादा करती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ये नई योजनाएं क्या हैं और किसान इनका फायदा कैसे उठा सकते हैं। तैयार हैं ना? तो चलिए, शुरू करते हैं!
सस्ती बिजली का तोहफा
अब किसानों को बिजली के लिए जेब ढीली करने की जरूरत नहीं। सरकार ने ऐलान किया है कि सिर्फ 5 रुपये में स्थाई बिजली कनेक्शन मिलेगा। ये सुविधा धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में पहुंचेगी। खेतों में बिजली होगी तो फसलें भी लहलहाएंगी।
सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की राह
सौर पंप के जरिए सरकार किसानों को बिजली का मालिक बनाना चाहती है। अगले तीन साल में 30 लाख सौर पंप बांटे जाएंगे। हर साल 10 लाख किसानों को ये सुविधा मिलेगी। बिजली बिल की टेंशन खत्म होगी।
बिजली बेचकर कमाई का मौका
सौर पंप से ज्यादा बिजली बनी तो उसे बेचने का भी मौका है। सरकार इसे खरीदेगी और किसानों को नकद पैसा देगी। ये तो कमाल की बात है, खेती के साथ-साथ कमाई का जरिया भी तैयार।
सौर पंप पर अनुदान की बारिश
सौर पंप लगवाना अब महंगा नहीं। 3 HP के पंप पर सिर्फ 5% खर्च करना होगा। वहीं, 5 से 7.50 HP के लिए 10% राशि देनी होगी। सरकार बाकी बोझ उठाएगी।
खेतों के पास तार, तो 5 रुपये में कनेक्शन
अगर आपके खेत से 45 मीटर के दायरे में बिजली के तार गुजरते हैं, तो खुशखबरी! आपको भी 5 रुपये में कनेक्शन मिलेगा। मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी से इसकी शुरुआत होगी।

फसल बदलें, फायदा कमाएं
मुख्यमंत्री ने किसानों से धान छोड़कर मूंगफली और प्राकृतिक फसलें उगाने को कहा है। इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। मध्य प्रदेश की मिट्टी को नई पहचान मिलेगी।
कपास और टेक्सटाइल में नई क्रांति
प्रदेश में कपास की खेती को बढ़ावा देने की तैयारी है। टेक्सटाइल मिलों में काम करने वाले किसान परिवारों को 5,000 रुपये का बोनस मिलेगा। ये रोजगार का नया रास्ता खोलेगा।
दूध उत्पादन से डबल मुनाफा
दूध उत्पादन को भी सरकार ने प्राथमिकता दी है। गेहूं-धान की तरह अब दूध पर भी बोनस मिलेगा। 10 से ज्यादा गाय पालने वालों को अनुदान भी दिया जाएगा।
गांव-गांव में गोपालन को बढ़ावा
गांवों में गोपालन और दूध उत्पादन के लिए सरकार अनुदान देगी। किसानों की आय बढ़ाने का ये शानदार तरीका है। गाय पालना अब और फायदेमंद होगा।
गौ-शालाओं को मजबूती
गौ-शाला चलाने वालों के लिए अनुदान दोगुना हो गया है। पहले 20 रुपये प्रति गाय मिलते थे, अब 40 रुपये मिलेंगे। गौ-माता की सेवा करना आसान होगा।
बड़ी गौ-शालाओं का सपना
भोपाल और दूसरी बड़ी नगर निगमों में 10,000 गायों की क्षमता वाली गौ-शालाएं बनेंगी। बेसहारा गायों को आश्रय मिलेगा। ये कदम पर्यावरण और संस्कृति दोनों के लिए अच्छा है।