बीते हफ्ते सोमवार दिल्ली में गेहूं का भाव 2470 रुपये पर खुला जो शनिवार शाम पूरे हफ़्ते के उतार चढ़ाव के बाद 20 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ 2450 रुपये पर बंद हुआ। सरकार स्टॉक लिमिट लगा कर विफल हो चुकी है। अब 28 जून को टेंडर की बिक्री होने से भाव तब तक दबे रह सकते है। एक बार टेंडर का माल लोगो के घर तक आजाए तब उसकी गुणवन्ता का पता चले उसके बाद ही यह पता चलेगा की गेहूं पिछले वर्ष का लेवल पार करेगा की नहीं ।
ज़्यादा माल हाथ में लेकर न चले गेहूं निचले स्तर पर ले और ऊपर में माल बेच कर चले TRADING करना ही अभी के लिए बेहतर होगा। बाजार के भाव में गिरावट तो बनेगी पर बाजार नेगेटिव ट्रेंड में जाने की उम्मीद न के बराबर दिख रही है। दिल्ली लाइन जब तक 2430 के ऊपर है तब तक मजबूत है।
2360 के लेवल पर जब तक बना है तब तक मंदी की चिंता न करे, 2360 के निचे गेहूं मंदा हो जायेगा। बाजार में आवक की चाल यदि ऐसी ही बनी रही तो सरकार का हर प्रयास तेजी को रोकने में विफल होगा। बाजार में बढ़ती आवक ही बाजार के दाम को धीमी कर सकती है।
पहले ई नीलामी में कुल 4 लाख टन गेहूं पेश किये जायेंगे FAQ गेहूं की मात्रा : 1,13,900 टन है। URS गेहूं की मात्रा : 2,94,100 टन है। FCI से ख़रीदा गेहूं व्यापारी किसी सरकारी एजेंसियो या किसी अन्य थोक खरीदारों को दुबारा नहीं बेचा जायेगा।
देश के कई राज्यों में मॉनसून बादलो का जमावड़ा व्यापारियों और मिल वालो को अब प्रत्येक शुक्रवार को भारत सरकार के साथ अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी।
भारत का गेहूं उत्पादन सरकारी अनुमान से 10% कम
यह आकड़ा 10% से भी अधिक हो सकता है। दिल्ली लाइन में 2530 का आकड़ा काफी अहम् जिस दिन पार करेगा तब बड़ी तेजी आ सकती है। इस सप्ताह भाव में कोई अतिरिक्त गिरावट नहीं दिखी भाव वहीं आ रुके जहा से तेज हुए उत्तरप्रदेश के कानपूर मंडी में भाव 2400 से शुरू होकर सप्ताह के आखिरी तक 2400 पर ही रहे, मथुरा में भी यही हाल रहा पहले भाव मजबूत हुए फिर सप्ताह के आखिरी दिन उसी भाव पर आ रुके जहा से बढ़ना शुरू हुए थे 2260 पर देश में गेहूं समेत आटा और मैदा के भाव स्थिर रहे ।
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डिस्क्लेमर :
उपरोक्त जानकारी मौजूदा स्थित और फ़ंडामेंटल के आधार पर केवल सामान्य विश्लेषण के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार का व्यापार अपने विवेक से करें।