पिछले सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को दिल्ली में गेहूँ का प्राइस 2460/65 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम दिल्ली गेहूँ 2450 रुपये पर बंद हुआ, बीते सप्ताह के दौरान गेहूं मे मांग कमजोर रहने से -15 रुपए प्रति कुंटल की गिरावट दर्ज की गई। बाजार के जड़ में मंदी नहीं है परंतु सरकार अपना पूर्ण प्रयास करेगी की भाव नियंत्रण में रहे।
यदि बाजार में दुबारा अच्छी तेजी का दौर बना तो सरकार द्वारा IMPORT पर कोई निर्णय जल्द ही लिया जायेगा और यदि IMPORT पर कोई निर्णय सरकार लेती है तो बाजार महीने भर के लिए टूट जायेंगे। यदि दिल्ली लाइन सोमवार को 2430 के उप्पर बंद होता है तो पूरी उम्मीद है 28 जून के पहले 2500 के आकड़े को भी पार कर जाएगी।
बाजार में आवक की चाल यदि ऐसी ही बनी रही तो सरकार का हर प्रयास तेजी को रोकने में विफल होगा। बाजार में बढ़ती आवक ही बाजार के दाम को धीमी कर सकती है। स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगा।
स्काइमेट के अनुसार 9 जुलाई तक देश में मॉनसून कमजोर रहने की संभावना। पंजाब के बाज़ारो में आयी पूर्ण रूप से रिकवरी, बाजार अपने ऊपरी स्तर से सिर्फ 25 से 50 रूपए नीचे कर रहे कारोबार ।
उत्तरप्रदेश के कुछ बाज़ारो में जो स्टॉक लिमिट लगने के कारण गिरावट आयी थी वो पूर्ण रूप से रिकवर होकर अपने पुराने भाव पर कारोबार कर रहे है। वहीं कुछ बाज़ारो में अब भी 100 रूपए की गिरावट बनी हुई है। कोलकाता में भी बाजार के भाव हुए कमजोर 200 रूपए की गिरावट बाजार में दर्ज की गयी थी जिसमे से 100 रूपए की रिकवरी हो चुकी है।
आटा और मैदा के भाव में कोई विशेष गिरावट नहीं दिखी खाद्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और अन्य ‘केंद्रीय’ कल्याणकारी योजनाओं के तहत उनकी पात्रता के अलावा अतिरिक्त मात्रा की पेशकश नहीं की जाएगी। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा गुरुवार को यह बात कही।
OMSS के तहत, सरकार ने मार्च 2024 तक केंद्रीय पूल आटा मिलों, निजी व्यापारियों, थोक खरीदारों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं से 15 लाख टन गेहूं की बिक्री करने का फैसला किया है। हम 28 जून को होने वाली पहली ई-नीलामी में 3-5 लाख टन गेहूं की पेशकश करेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में 31 दिसंबर तक उचित और औसत गुणवत्ता के लिए गेहूं का आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल और ढीली विशिष्टताओं (URS) के तहत 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
खरीदार गेहूं के लिए न्यूनतम 10 टन और अधिकतम 100 टन प्रति ई-नीलामी के लिए बोली लगा सकते हैं। बाजार में FCI के तहत OMSS की बिक्री नहीं होगी ऐसी बात हो रही है। इसकी कोई जानकारी FCI के पोर्टल पर नहीं दी गयी है। चोकर के दाम पुनः मजबूत होना शुरू हो चुके है। शनिवार को अधिकांश बाजार में अच्छी तेजी दर्ज की गयी।
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