Agri Drone Subsidy 2023: किसानों को मिलेंगे 1500 कृषि ड्रोन, जाने कितनी मिलेगी सब्सिडी

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Rajasthan Agriculture Drone 2023: आज के इस आधुनिक दौर में कृषि कार्यों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल तेज़ी के साथ बढ़ गया है । कृषि को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में किसानों द्वारा खेतों में ड्रोन की मदद से फसलों में खाद और दवाई के छिड़काव करने का चलन बढ़ रहा है। पहले जहां किसानों को खेतों में कीटनाशक-उर्वरकों के छिड़काव कई-कई घंटों तक लगे रहते थे, वही काम अब ड्रोन की मदद से कुछ मिनटों में पूरा कर लिया जाता है।

इतना ही नहीं कई बार कैमिकल के संपर्क में आने से किसानों की तबियत भी बिगड़ जाती थी। कृषि ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों को इस समस्या से भी अब छुटकारा मिल जाएगा। कमर्शियल फार्मिंग करवाने वाली कंपनियों भी तेजी से कृषि ड्रोन की तरफ रुख कर रही है।

राज्यस्तरीय ड्रोन तकनीकी का किया लाइव प्रदर्शन

राजस्थान कृषि विभाग की ओर से बुधवार को जोशीवास गांव, जोबनेर में राज्य स्तरीय ड्रोन तकनीक का लाइव प्रदर्शन कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 2 वर्षों में 1500 ड्रोन कस्टम हायरिंग केंद्रों पर उपलब्ध कराए जायेंगे।

कृषि मंत्री ने बताया कि “पहले चरण में नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इससे यूरिया की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को सैंकड़ों किसानों की उपस्थिति में ड्रोन से दवाओं का छिड़काव किया। सभी जिलों में कृषि अधिकारियों ने भी किसानों को जागरूक करने के लिए कुल 20 हेक्टेयर में ड्रोन की सहायता से खेतों में दवा और खाद का छिड़काव किया।

कृषि ड्रोन पर कितनी सब्सिडी मिलेगी?

Agri Drone Subsidy: जानकारी के मुताबिक़, कृषि ड्रोन उपकरणों के लिए लागत का 40 फीसदी (अधिकतम 4 लाख रुपये) तक का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही किसानों के खेतों में ड्रोन से छिड़काव या प्रदर्शन के लिए अधिकतम 6000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा।

प्रदेश के ऐसे किसान जो सीमित आय के चलते उन्नत एवं महंगे कृषि उपकरणों को खरीदने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें ड्रोन किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसान कम लागत एवं कम समय में अपने खेतों में रसायनों का छिड़काव कर सकेंगे।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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