नरमा की बुवाई : नमस्कार किसान भाइयों आशा करता हूं कि आप सब अच्छे होंगे वह आप अपनी सरसों व गेहूं की फसल अंतिम चरण में काम कर रहे होंगे, इस वर्ष सरसों के भाव में काफी अच्छी तेजी देखी जा रही है। जो आगे जाकर भी ऐसे ही रहेगा तो आप अपनी सारी फसल के साथ में बेचकर कुछ हिस्सा अपने पास अवश्य रखे ताकि आपको आगे जाकर इसका फायदा मिले।
किसान भाइयों आज चर्चा का विषय है बुवाई का समय व उसकी सावधानिया, बीज का चुनाव। काफी सारे किसान भाइयों ने कुछ दिन से इस बात के लिए बोला था, तो आज इस पर ही बात शुरू करते है। आपको किस किस बात पर ध्यान देना है, आइये जानते हैं:
मिट्टी की जांच जरूरी (Soil Test)
आप की जमीन किस प्रकार की है, क्या आपने साइल टेस्ट करवाया है? अगर नही तो इन बातों को पढ़े व समझे उत्तर भारत में मुख्यतः 3-4 प्रकार की मिट्टी पाई जाती है- जैसे की…
- भारी मिटटी +पानी की उपलब्धता
- भारी मिट्टी+ पानी की अनुपलब्ता
- माध्यम मिट्टी + माध्यम पानी
- हल्की मिट्टी व कम पानी
आपकी मिट्टी जिस भी प्रकार की हो उसमे ज्यादा बदलाव तो नही किया जा सकता पर उसमे थोड़ा सुधार किया जा सकता है व उसी हिसाब से फसल चक्र बनाया जाना चाहिए। वैरायटी का चयन भी इसी आधार पर किया जाना चाहिए।
बुवाई के समय मिट्टी में नमी और समय का ध्यान रखें
किसान भाइयों इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बुवाई के समय मिट्टी में नमी (Soil moisture) बहुत ज्यादा या बहुत कम नही होनी चाहिए। इस से अंकुरण पर फर्क पड़ता है और फसल बुवाई के समय से ही कमजोर पड़ जाती है। इस बात का विशेष ध्यान रखे, बहुत बार ये देखा गया है कि जो फसलें लेट हो जाती हैं उनमें अंकुरण पालन की दिक्कत आ जाती है और उनमें ही सबसे ज्यादा बीमारी आती है। तो आप इस बात का विशेष ध्यान रखें कि फसल लेट ना हो वह फसल बुवाई के वक्त जमीन में उपयुक्त नमी जरूर होनी चाहिए।
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शाम के वक्त करें बिजाई
जमीन का तापमान अधिक नही होना चाहिए इस से बीज व अंकुरित पौधा खराब हो जाते है, आप कोशिस कीजिये कि बुवाई शाम के समय ही कि जाए, ताकि बीज जमीन के तापमान के साथ एडजस्ट हो जाये, जैसे-जैसे मौसम आगे बढ़ेगा दिन के तापमान में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होगी और मिट्टी का तापमान भी स्पीड से बढ़ेगा जिससे पछेती बिजाई में काफी दिक्कत आती है।
नरमा की बुवाई से पहले पलेवा कर लें
बुवाई से पहले पलेवा जरूर करें, कोशिस करे कि नहर का पानी ही प्रयोग किया जाए। मिट्टी को 10 से 15 cm तक भुरभुरी जरूर करें ताकि पौधे की जड़ आसानी से नीचे जाए व पौधा सीधा व मजबूती से खड़ा हो पाए। अगर आप जीरो टिलेज कर रहे हैं तो आप हल्की मिट्टी में इसे जरूर अपना कर देखें।
अगेती फसल के लिए समय उपयुक्त होता जा रहा है आप कोशिस कीजिये कि 10 अप्रैल के बाद आप सुचारू रूप से बुवानी शुरू कर दे, तब तक मौसम में आये बदलाव व मिट्टी के तापमान भी सामान्य हो जाएगा। कोशिश कीजिये कि आप अपनी बुवाई 10 से 15 मई तक पूरी कर ले। जिन भाइयो के सरसो के खेत खाली है वो जमीन को तैयार करना शुरू कर दे ताकि सही समय पर बुवाई शुरू की जा सके। एक बात आपको जरूर कहूंगा कि आप अगेती बुवाई को तवज्जो दें, इस मे उत्पादकता बहुत बढ़िया आती है। आस-पास के किसानों को भी अगेती बुवाई के लिए प्रेरित करें। आपने आस पास की नहरों की जानकारी भी जरूर ले ले ताकि पानी देते समय कोई परेशानी न आए।
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जिन खेतो में उखेड़ा या विल्ट जैसे समस्या आती है वो किसान भाई कपास की किस्म जरूर बदले ओर हो सके तो एक साल उस मिट्टी में कपास की फसल न करें, देसी कपास की किस्म लगाए। अगर करनी है तो बुवाई के समय मिट्टी को mychorrhiza व ट्राइकोडर्मा का प्रयोग अवश्य करें, गहरी जुताई करें मिट्टी को थोड़ा गहराई से पलटा करे व पानी की कमी न होने दे।
नई वैरायटी का प्रयोग पूरे खेत में एक साथ ना करें
किसी भी नई वैरायटी को सारे खेत मे न लगाएं, कई बार नई वैरायटी फैल हो जाती है, तो दूसरों के बहकावे में आकर नए एक्सपेरिमेंट न करें। उस से पहले उसकी पूरी जानकारी ले व कुछ हिस्से में ही उसका ट्राइल लगाएं ताकि आपको भी उस किस्म का सही अनुभव हो सके। प्रचलित व प्रसिद्ध वैरायटी ही चुनें, सारी जमीन में एक जैसी वैरायटी भी नहीं लगाएं।
कपास के सामाजिक फसल है आप अपने पड़ोसी व आपके एरिया में किसान भाइयों से बातचीत जरूर करे व सबके अनुभवों के हिसाब से खेती करें आपको जो भी जानकारी चाहिए या कोई समस्या है तो आप जरूर इस ग्रुप के माध्यम से लिख सकते हैं जल्द से जल्द आपकी समस्या का समाधान करने की कोशिश की जाएगी।
फर्जी प्रोडक्ट बेचने वालों से बचे
फेसबुक या व्हाट्सएप्प पर बहुत सारे जैविक प्रोडक्ट बेचने वाले लोग है, जो दिन में सपने दिखते है उन से जरूर बच जाए। किसान भाइयों आज जो लिस्ट डाली गई है इस लिस्ट में हमारे ग्रुप की तरफ से किसी भी बीज को रिकमेंड नहीं किया गया है, आप अपने विवेक, कृषि विशेषज्ञ व अपने आसपास के इलाके के किसान भाइयों बातचीत करके ही अपने बीज का चयन करें। हम किसी बीज को कम नहीं बता रहे हैं और ना ही किसी भी बीज को सबसे अच्छा बता रहे हैं.
अंतिम निर्णय आप खुद लेवे, अच्छे बीज का चुनाव अच्छी फसल की ओर पहला कदम है।
नरमा (कपास) की किस्मों के नाम / cotton variety
नरमा वैरायटी | मिट्टी का प्रकार | पानी | मुख्य विशेषता |
रासी 773 | केवल भारी में ही कामयाब | पानी की अधिक आवश्यकता | सबसे बढ़िया-ज्यादा पानी-रस चूसक कीटो से सहनशील- clcv अवरोधक |
रासी 776 | माध्यम से हल्की मिट्टी | कम पानी में कारगर | लड़ीदार टिंडे- कम झड़ने वाली – टिंडे का साइज छोटा पर संख्या ज्यादा |
रासी 650 | हल्की मिट्टी रेतीली में भी | कम पानी में कारगर | पोधो की लंबाई ज्यादा टिंडा बड़ा-clcy से सहनशील |
रासी 926 | माध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | नई वैरायटी-लड़ीदार टिंडे इस साल ही बीज मिलेगा |
यूएस 51 | हल्की मिट्टी | हल्के से मध्यम पानी में कारगर | पुरानी वैरायटी-कम खर्च में उत्पादन कम पानी व हल्की |
यूएस 71 | भारी से मध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | लड़ीदार टिंडे | पौधों की हाइट अच्छी | clcv से सहनशील |
यूएस 81 | भारी से मध्यम मिट्टी | अच्छा पानी की आवश्यकता | नीचे से लेकर ऊपर तक लाडीदार टिंडे रस चुष्क कीटो से सहनशील |
यूएस 91 | माध्यम मिट्टी | कम पानी में भी कारगर | नई वैरायटी है | दो तीन साल से प्रचलन में टिंडे का साइज बढ़िया | clcv से सहनशील |
बायर 7172 | माध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | ऊपर से नीचे टिंडे लगते है | cclv कम आता है | चुगाई अच्छी होती है | गेहूं कपास के फसल चक्र में कामयाब |
बायर 7272 | भारी से मध्यम मिट्टी | अच्छा पानी | बहुत अच्छी वैरायटी | बड़े टिंडे सीधा पौधा | रस चूसक कीटो से सहनशील |
अंकुर अजय (555) | भारी से मध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | पिछले साल बहुत अच्छी पैदावार रस चूसक कीटो से सहनशील |
अंकुर 3028 | भारी से मध्यम मिट्टी | अच्छा पानी | पास पास लगा सकते है | टिडो का वजन बढ़िया | ब्लाइट रोग कम आता है |
नुजिवीदु राघव | माध्यम से हल्की मिट्टी | माध्यम पानी | अगेती वैरायटी | अच्छी हाइट उखड़े ओर रस चूसक कीटो के प्रति सहनशील |
नुजिविदु सिम सिम | भारी से मध्यम मिट्टी | अच्छा पानी | अच्छी हाइट अंत तक हरी रहती है उत्पादन भी ठीक है |
अजीत सीड 155 | हल्की मिट्टी रेतीली में भी | हल्के व कम पानी में भी कामयाब | सीधा पौधा | वजनदार टिंडा |
अजीत सीड 177 | माध्यम से भारी मिट्टी | अच्छा पानी | अच्छी वैरायटी रस चूसक कीटो के प्रति सहनशील | ccv के लिए भी सहनशील |
जेके सीड पास पास | माध्यम से हल्की मिट्टी | कम पानी | पुरानी सफल वैरिटी | टिंडे पास पास आते है पर कुछ एरिया में कामयाब नही |
महिको परिंदा | माध्यम से हल्की मिट्टी | माध्यम पानी | पिछले साल काफी अच्छी रही | लड़ीदार टिंडे | कम झड़ने वाली |अगेती वैरायटी |
सवाल -5 | माध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | पिछले साल काफी अच्छा रहा पछेती वैरायटी | रस चूसक कीटो से सहनशील |
हिमालय -नाथ सीडस | माध्यम मिट्टी | कम पानी | बरानी व कम पानी में कामयाब बीमारी कम आती है |
विख्यात कृषिधन | माध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | अगेती लगने वाली वैरायटी | अंत तक हरी रहती है |पछेती पर clcv आ सकता है |
श्री राम 6588 | माध्यम से भारी मिट्टी | माध्यम पानी | पुरानी वैरायटी है | टिंडे का साइज काफी अच्छा सही समय 15 अप्रैल से 15 मई |
तिएरा -738 | माध्यम मिट्टी | माध्यम पानी | काफी अच्छी वैरायटी है | लड़ी दार टिंडे उखड़े की समस्या कम |
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स्त्रोत: उक्त आर्टिकल हमने किसान भाइयों तक नरमा की किस्मों एवं बुवाई की जानकारी पहुँचने के उद्देश्य से (फेसबुक ग्रुप : कपास के किसान ) से लिया है। इस पोस्ट को किसानों के लिए Navneet Saini द्वारा लिखा गया है। धन्यवाद
नोट: आर्टिकल में दी गई समस्त बातें किसानों को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से दी गई है , किसी भी बीज या कम्पनी का चुनाव करने की राय हम नही देते , सही बीज का चुनाव करने के लिए आप अपने आसपास के किसानों एवं कृषि विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें.
Web Title: Farmers should keep these things in mind before Cotton sowing; Will get good yield