आपके बिजली बिल में एक और ‘छुपा चार्ज’ सक्रिय हो गया है। रेगुलेटरी सरचार्ज लगने के बावजूद बिजली कंपनियों [Discoms] ने फ्यूल सरचार्ज वसूलना बंद नहीं किया है। बल्कि, अब 2022-24 की अंतिम तिमाही का बकाया सरचार्ज भी वसूलने की मुहिम चल रही है। हमारे जांच में खुलासा हुआ है कि हाल ही के बिलों में करीब 13 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार डाला गया है, जिससे सामान्य घरों के बिल में ₹60 से लेकर ₹350 तक की चोट पहुंची है। सबसे चौंकाने वाली बात? इसकी पूर्व सूचना आपको नहीं दी गई।
डबल सरचार्ज का झटका: उपभोक्ता हैरान
Electricity Bill में अब एक नहीं, दो सरचार्ज एक साथ चल रहे हैं। पहला तो वह स्पेशल फ्यूल सरचार्ज [fuel surcharge] जो 7 पैसे प्रति यूनिट की दर से पहले से ही लिया जा रहा था। दूसरा, नया रेगुलेटरी सरचार्ज [regulatory surcharge] जो ₹1 प्रति यूनिट लगाया गया है। लेकिन यहां ट्विस्ट यह है कि पुराने बकाए की वसूली भी अलग से चल रही है। डिस्कॉम अधिकारियों के मुताबिक, यह वसूली तीन साल पुराने बकाए की है, जिसे सरकार ने पहले ‘रोक’ रखा था।
24 लाख उपभोक्ता प्रभावित: आंकड़ों में खेल
डिस्कॉम अधिकारियों से जब मीडिया ने बात की, तो पता चला कि करीब 24 लाख उपभोक्ताओं के बिल में यह सरचार्ज जोड़ा गया है। ये वही उपभोक्ता हैं, जिनसे पहले बकाया राशि नहीं ली गई थी। मतलब, अब नए सिरे से पुराने खाते खोल दिए गए हैं। यह संख्या किसी भी राज्य के बिजली वितरण नेटवर्क [power distribution] में एक बड़ा हिस्सा है। इन परिवारों में अगर औसतन ₹200 का अतिरिक्त भार आता है, तो हर महीने करोड़ों रुपए की वसूली हो रही है।
बिना सूचना, बिना विकल्प: पारदर्शिता पर सवाल
Consumer Rights के तहत पारदर्शिता सबसे बड़ा मुद्दा है। आमजन को इस अतिरिक्त खर्च की पूर्व जानकारी तक नहीं दी गई। बिजली बिल में जब आपने यह चार्ज देखा, तो शायद समझ ही नहीं पाए कि यह किसलिए है। नियामक आदेश [tariff order] में छोटे प्रिंट में लिखा होगा, लेकिन कितने लोग उसे पढ़ते हैं? डिस्कॉम का तर्क है कि यह ‘कानूनन’ है, लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि उनके हक से खिलवाड़ है।
सरकार का तर्क: सब्सिडी का बोझ
डिस्कॉम अधिकारियों ने जो तर्क दिया है, वह बजट के दबाव से जुड़ा है। उनका कहना है कि इन 24 लाख उपभोक्ताओं का भार सरकार सब्सिडी [subsidy burden] के रूप में वहन कर रही थी। अब जबकि नई टैरिफ आदेश में रेगुलेटरी एसेट्स [regulatory assets] के ₹50 हजार करोड़ रुपए के बोझ को खत्म करने के लिए ₹1 प्रति यूनिट सरचार्ज लगाया गया है, तो बकाया भी समायोजित होगा। बेस फ्यूल सरचार्ज की राशि इसी में समाहित होगी और जो बचेगा, वही लिया जाएगा। लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि यह समायोजन कब तक चलेगा।












