Edible Oil Price: खाने का तेल हुआ सस्ता, रिकॉर्ड आयात के चलते कीमतों में आई गिरावट, फटाफट चेक करें रेट्स

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Edible Oil Price: विदेशी बाज़ारों में खाद्य तेलों के दाम टूटने के चलते दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले हफ्ते के मुकाबले बड़ी गिरावट दर्ज की गई ।

व्यापारिक सूत्रों के मुताबिक़ पिछले साल मार्च में समाप्त हुए 5 माह के दौरान 57,95,728 टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था, जबकि इस साल मार्च में समाप्त हुए 5 माह में यह आयात 22% बढ़कर 70,60,193 टन हो गया।

इसके अलावा खाद्य तेलों की 24 लाख टन की खेप अभी आनी है। इस तरह भारी आयात और ‘पाइपलाइन’ में स्टॉक होने से सरसों जैसे स्थानीय तिलहन का बाजार में खपना मुश्किल हो गया है।

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मौजूदा स्थिति के बीच स्थानीय तेल उद्योग के साथ किसानों में डर की स्थिति बनी हुई है, जो खाद्य तेल कीमतों में गिरावट आने का मुख्य कारण है।

पामोलीन पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की मांग

सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते के अंत में तेल मिल निकाय ‘साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन’ (SEA) के कार्यकारी अध्यक्ष बी वी मेहता ने सरकार से अपील की है कि देश की प्रोसेसिंग मिलों को चलाने के लिए पाम और पामोलीन के बीच आयात शुल्क अंतर को मौजूदा 7.5% से बढ़ाकर 15% कर दिया जाए। यह एक तरह से पामोलीन पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की मांग है।

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तेल उद्योग के सूत्रों ने कहा कि पाामोलीन का आयात शुल्क बढ़ा, तो लोग पामोलीन की जगह CPO का आयात शुरू कर देंगे और तब केवल प्रोसेसिंग मिल्स ही आयात कर पायेंगी। यानी पामोलीन तेल- सूरजमुखी और सोयाबीन तेल से महंगा हो जाएगा।

देशी तेल मिलों के लिए खतरा है सस्ते आयातित तेल

सूत्रों ने कहा कि जब नरम तेल इतनी अधिक मात्रा में आयात हो चुका है तो सिर्फ पाम पामोलीन के बीच शुल्क अंतर बढ़ाने से कौन सा बड़ा फर्क होने वाला है। देशी तेल-तिलहन तो तब भी खपेंगे नहीं।

विशेषज्ञों की नरम तेलों के अंधाधुंध आयात के बारे में चुप्पी खटकने वाली है जो सस्ते आयातित तेल, देशी तेल मिलों के लिए खतरा बने हुए हैं।

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उन्होंने कहा कि सरकार ने संभवत: खाद्य तेलों के ड्यूटी फ्री आयात की छूट इसलिए नहीं दी थी कि देशी सरसों की बंपर फसल और सूरजमुखी फसल बाजार में न खपे। देशी तेल-तिलहन उद्योग चलाने के लिए पहले नरम तेलों के अंधाधुँध आयात को नियंत्रित करने की जरूरत है।

तेल-तिलहनों के भाव में गिरावट, देखें ताजा दाम

  • सरसों तिलहन का भाव– 5,105-5,200 (42 फीसदी कंडीशन) ₹/क्विंटल
  • मूंगफली – 6,790-6,850 ₹/क्विंटल
  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,660 ₹/क्विंटल
  • मूंगफली रिफाइंड तेल 2,535-2,800 ₹/ टिन
  • सरसों तेल दादरी का भाव – 9,980 ₹/क्विंटल
  • सरसों पक्की घानी का भाव – 1,595-1,665 ₹/टिन
  • सरसों कच्ची घानी का भाव – 1,595-1,715 ₹/ टिन
  • तिल तेल मिल डिलिवरी का भाव – 18,900-21,000 ₹/क्विंटल
  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,780 ₹/क्विंटल
  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,600 ₹/क्विंटल
  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,950 ₹/क्विंटल
  • सीपीओ एक्स-कांडला- 8,500 ₹/क्विंटल
  • बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,380 ₹/क्विंटल
  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,050 ₹/क्विंटल
  • पामोलिन एक्स- कांडला- 9,150 ₹/क्विंटल (बिना GST)
  • सोयाबीन दाना- 5,365-5,415 ₹/क्विंटल
  • सोयाबीन लूज- 5,115-5,215 ₹/क्विंटल
  • मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 ₹/क्विंटल

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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