फसल सुरक्षा मिशन: 35 हजार से अधिक किसानों को मिलेगा तारबंदी के लिए अनुदान

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तारबंदी योजना राजस्थान 2022: आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा किसानों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनते जा रही है। आवारा पशु के साथ-साथ जंगली पशुओं से सुरक्षा के लिए किसानों को खेत पर पहरेदारी करना पड़ता है, जो बहुत ही जोखिम भरा काम भी है।

ऐसे में फसलों की सुरक्षा का एक मात्र उपाय तारबंदी (Tarbandi) है परंतु इसमें अधिक खर्च आने के चलते सभी किसान अपने खेतों पर तार फेंसिंग नहीं करा सकते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को अनुदान देकर खेतों में तारबंदी का काम कराया जा सकता है।

राजस्थान सरकार पिछले कई वर्षों से किसानों को तार फेंसिंग के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इस योजना को सरकार ने आगे भी जारी रखने का फैसला लिया है। साथ ही योजना के कुछ नियमों में बदलाव भी किए हैं ताकि अधिक से अधिक किसान योजना का लाभ ले सकें। राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बजट पेश करते हुए “राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन” के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट जारी करने की घोषणा की है।

35 हजार किसानों को मिलेगा तारबंदी के लिए अनुदान

Announcement For Farmers In Rajasthan Budget : बजट पेश करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कि नीलगाय व आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव व रोकथाम के लिए राज्य में “राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन” शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत आगामी 2 वर्षों में 1 करोड़ 25 लाख मीटर तारबंदी पर 100 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। जिससे इस योजना से अगले 2 वर्षों में 35 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।

राज्य सरकार ने राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन योजना के नियमों में भी बदलाव करने की घोषणा की है। तारबंदी योजना में 3 किसानों को एक यूनिट मानने की शर्त को समाप्त कर एक अकेले किसान को लाभ देने व न्यूनतम क्षेत्रफल की सीमा को 1.5 हेक्टेयर किये जाने का प्रावधान भी करने की घोषणा अपने बजट में की है।

तारबंदी योजना के अंतर्गत मिलता है 50 प्रतिशत का अनुदान

राजस्थान सरकार राज्य के किसानों के लिए राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन योजना चला रही है। तारबंदी हेतु पेरीफरी (परिधि) कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रू- 40,000/- जो भी कम हो प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान दिया जाता है।

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मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।

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