Mustard Price: तेल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में शनिवार को सरसों की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई।
जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 75 रुपये घटकर दाम 5,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शनिवार को 6-6 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1118 रुपये और 1108 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2400 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।
सरसों की बढ़ती आवक से कीमतों पर दबाव
व्यापारियों के अनुसार सरसों की दैनिक आवकों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जबकि तेल मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही हैं। उधर विदेशी बाजार में चालू सप्ताह में खाद्य तेलों के दाम तेज हुए थे, जिससे घरेलू बाजार में भी नीचे दाम मांग से भाव बढ़े थे, लेकिन जिस तरह से उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवकों का दबाव बना हुआ है। उसे देखते हुए अभी तेजी की उम्मीद नहीं है।
सरसों में तेजी कब आएगी 2023
Sarso Me Teji Kab Aayegi: जानकारों के अनुसार होली के बाद कई राज्यों से सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद शुरू हो जायेगी। उसके बाद ही कीमतों में सुधार आने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2023-24 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
रिकॉर्ड स्तर पर हुई सरसों की बुआई
चालू रबी सीजन में सरसों की बुआई रिकॉर्ड 98.02 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि 2021-22 के मुकाबले 6.77 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। पिछले सीजन में भी बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर हुई थी, तथा उत्पादन 117.46 लाख टन का हुआ था। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू रबी में सरसों एवं रेपसीड का उत्पादन बढ़कर 128 लाख टन होने का अनुमान है।
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सरसों की दैनिक आवक में हुई बढ़ोतरी
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक शनिवार को 12.50 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में इसकी आवक 11.50 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 5.25 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.75 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.75 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 35 हजार बोरी तथा गुजरात में 1.40 लाख बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 2 लाख बोरियों की आवक हुई।