साप्ताहिक तेजी मंदी 26 जून 2023: बीते सप्ताह चना, मूँग, मसूर, तुवर और उड़द का बाजार भाव और तेजी-मंदी की विस्तृत जानकारी ई-मंडी रेट्स के इस आर्टिकल में प्रकाशित की जा रही, ताकि आप इस विश्लेषण को पढ़ कर जान सके कि आने वाले दिनों में बाजार का रूख क्या कुछ रह सकता है ।
आइये पढ़े, चना, मूंग, मसूर, तुवर और उड़द की साप्ताहिक रिपोर्ट
चना साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5050/75 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम चना 5050 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग न रहने से -25 रुपये प्रति क्विंटल की कमजोर दर्ज की गई।
देशी चना बाजार सप्ताह के दौरान कमोबेश स्थिर रहा, मंडियों में आवक कमजोर है तो सामने मांग भी सुस्त है। मिलर्स को बढ़कर चना में खरीदी में रूचि बिलकुल भी नहीं। दरअसल नाफेड के चना का बड़ा स्टॉक है। मिलर्स को आसानी से चना नहीं मिल रहा लेकिन किसी को बढ़ाकर चना नहीं लेना क्योंकि नाफेड कब कितना और किस भाव पर चना बेचेगा किसी को अनुमान नहीं।
जब तक नाफेड चना बिक्री शुरू नहीं करता तब तक चना बाजार स्थिर रहने की संभावना। नाफेड के पास नया पुराना स्टॉक मिलाकर लगभग 37 लाख टन स्टॉक पड़ा है। जानकारी के अनुसार नाफेड लगभग 10 लाख टन चना रिजर्व रख सकता है। जबकि 5-6 लाख टन चना अन्य राज्यों के साथ साथ कई कल्याणकारी योजना आदि में जाने की उम्मीद यानी की नाफेड के पास खुले बाजार में बेचने के लिए लगभग 25 लाख टन स्टॉक होने का अनुमान। अब चूँकि घरेलु मंडियों में स्टॉक कमजोर है और नाफेड की बिक्री से मांग की पूर्ति होनी मुश्किल जैसे जैसे सीजन आगे बढ़ेगा देशी चना के भाव धीरे धीरे मजबूत हो सकते हैं।
मूँग साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 3 KG 7525/50 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 3KG 7500/25 रूपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग न रहने से -25 रूपए प्रति कुंटल की कमजोर दर्ज की गई।
मूंग के दाम में इस सप्ताह रही कमजोरी देश में ग्रीष्मकालीन मूंग की आवक सामान्य है। ग्राहकी की बात करें तो अभी मूंग दाल मे शुष्ती है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एमएसपी भाव पर मूंग खरीदी में देरी से भी दबाव बना है। जानकारी के अनुसार अगले सप्ताह से मध्य प्रदेश में खरीदी शुरू हो जाएगी।
इस बीच खरीफ मूंग की बोआई अच्छी खासी बढ़ती दिख रही है। मूंग की एमएसपी में भारी बढ़ोत्तरी को देखते हुए बोआई 8-10% बढ़ सकती है। मूंग के दाम यदि मंडियों में 7500 से कम जाते है किसानों की बिकवाली धीमी हो सकती है। किसान को पता है की आज नहीं तो कल सरकार को वह एमएसपी पर मूंग बेच सकती है।
जानकारों के अनुसार मीडियम बोल्ड क्वालिटी मूंग 7200-7500 की रेंज में रह सकते है। फिलहाल मूंग की बोआई की स्थिति साफ़ होने तक सिमित कारोबार की सलाह रहेगी।
मसूर साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 5850 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 5900 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान मसूर व मसूर दाल मे मांग बनी रहने से +50 रूपये प्रति कुंटल की मजबूत दर्ज की गई। 2 सप्ताह की कमजोरी के बाद मसूर में सुधार दर्ज किया गया ।
निचले भावों पर ताजा मांग निकलने से भाव को सपोर्ट मिला।इस बीच दिल्ली की तरफ से मसूर में अच्छी मांग नजर आई। दिल्ली में मसूर के दाम में 100 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि कटनी में मसूर में मांग सामान्य होने से 50 रुपये की मजबूती ।
अंतराष्ट्रीय बाजार में मसूर के दाम कमोबेश स्थिर रहे। लेकिन मांग सुस्त कनाडा मसूर फिलहाल $710 जबकि ऑस्ट्रेलिया 660-670 में ऑफर हो रहा। कनाडा में मसूर की बोआई पूरी हो चुकी है और फसल की स्थिति संतोषजनक है।
घरेलु बाजार में मसूर की आवक धीमी है। मसूर के दाम में शार्ट टर्म में बड़ी तेजी-मंदी की उम्मीद कम।
जानकारों के अनुसार कटनी मसूर का रेंज 5800-6000 के आसपास यदि कटनी मसूर 6000 के ऊपर निकलता है। 6200 का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। मांग को लेकर दिशा साफ़ नहीं होने से मसूर में सिमित कारोबार करना ही ठीक रहेगा।
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तुवर साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 10550 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 10250 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर दाल मे मांग न रहने से -300 रुपए प्रति क्विंटल की कमजोर दर्ज हुआ।
2 जून को स्टॉक लिमिट लगने के बाद की तेजी पर अब जाकर ब्रेक लगता हुआ दिखा। देशी और बर्मा लेमन तुवर में अच्छी खासी बिकवाली दर्ज की गई। बर्मा लेमन तुवर और देशी तुवर सप्ताह भर में 300-450 रुपये की गिरावट देखी जा रही है। देश में फिलहाल स्टॉक लिमिट लागू है और सभी को पोर्टल पर स्टॉक भी अपडेट करना है।
उपभोक्ता मंत्रालय लगातार दालों के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए प्रयास कर रहा है। उपभोक्ता मंत्रालय के प्रयास स्वरुप दालों के दाम में अब कमजोरी भी देखी जा रही है।
तुवर की बोआई में थोड़ी देरी हो चुकी है लेकिन अभी भी समय है। यदि अगले 10 दिनों में अच्छी बारिश हो गई तो कमजोर बोआई की भरपाई की जा सकती है। तुवर की बोआई 10% तक बढ़ने की प्रबल संभावना है। लेकिन यील्ड मौसम तय करेगा तुवर का पाइपलाइन लगभग खाली हैं।
मिलर्स और स्टॉकिस्ट के पास काफी सिमित स्टॉक अफ्रीका तुवर अगस्त अंत या सितम्बर से प्रेशर के साथ आएगी, लेकिन फसल इस साल कम होने की रिपोर्ट है।
घरेलु तुवर की फसल आने में अभी लगभग 6-7 माह का समय लगेगा। यदि ऊंचे दाल के भाव को देखते हुए डिमांड कम भी रहे तो अगले 6-7 माह के लिए हमें 15-18 लाख टन तुवर लग सकती है। अब इस मांग की पूर्ति कैसे होगी। सरकार का क्या एक्शन होगा। मौसम और फिर उत्पादन कैसा रहेगा उस पर निर्भर शार्ट टर्म में तुवर में उठापटक रह सकती है। लेकिन लॉन्ग टर्म आउटलुक तुवर में मजबूती का ही है।
उड़द साप्ताहिक रिपोर्ट
पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 9125 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 8700 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान उडद मे मांग न रहने से -425 रुपए प्रति कुंटल की कमजोर दर्ज की गई।
उड़द बाजार में सप्ताह के दौरान एकतरफा गिरावट दर्ज की गई। उड़द में गिरावट का प्रमुख कारण बर्मा में जोरदार बिकवाली दबाव जैसा की एक अनुमान लग रहा था की बर्मा के पास काफी स्टॉक है। भारत में अच्छी बारिश के संकेत मिलने पर बिकवाली बढ़ सकती है। बर्मा में कम से कम 4 लाख टन उड़द आसानी से होने का अनुमान है।
भारत में उड़द उत्पादक इलाकों में अच्छी बारिश हुई तो अक्टूबर में फसल आएगी। बर्मा के पास 4 लाख टन का स्टॉक और 4 महीने में भारत को बेचने के मुश्किल हो सकता है। बर्मा के करेंसी में भी उतार-चढ़ाव के कारण बिकवाली बढ़ रही भारत के मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन उड़द की आवक अच्छी है।
देश में उड़द की मांग की पूर्ति के लिए काफी स्टॉक नहीं यदि मांग निकलती है। तो उड़द की सप्लाई कम पड़ सकती है देश में उड़द में स्टॉक लिमिट लागू है और स्टॉक डिक्लेअर करना भी अनिवार्य है।
उड़द में दशा और दिशा काफी अनिश्चित है इसलिए जरूरतानुसार कारोबार करना ठीक अगले 10-15 दिन में उड़द की बोआई अच्छी हुई तो कमजोरी की संभावना अधिक हैं। चेन्नई उड़द (SQ) यदि 8700 के निचे बंद हुआ तो अगला सपोर्ट 8225 पर जबकि चेन्नई उड़द (SQ) में तेजी के लिए ऊपर में 9300 पार करना जरुरी।
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डिस्क्लेमर:
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