चंडीगढ़: केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य-पंजाब में चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान गेहूं की सरकारी खरीद के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 29,000 करोड़ रुपए की नकद ऋण सीमा (कैश क्रेडिट लिमिट या सीसीएल) को अनुमोदित कर दिया है। इस राशि का उपयोग गेहूं उत्पादकों को भुगतान करने में किया जायेगा।
पंजाब में 1 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों से गेहूं की खरीद आरम्भ होने वाली है। इस बार गेहूं का एमएसपी 2125 रुपए प्रति क्विटल तय किया गया है जो पिछले साल के समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल से 110 रुपए ज्यादा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को गेहूं की निर्बाध एवं आसान खरीद सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि पहले दिन यानी 1 अप्रैल से ही खरीदे गये गेहूं के मूल्य का भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि इसमें पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि केंद्र सरकार इस वर्ष गेहूं खरीद के लिए 25,445 करोड़ रुपए का सीसीएल पहले ही जारी कर चुकी है। इससे किसानों को भुगतान करने में कोई समस्या नहीं होगी।
पंजाब में गेहूं के खरीद आमतौर पर दो माह चलती है। इस बार भी वहां 1 अप्रैल से इसकी प्रक्रिया आरम्भ होगी और 31 मई तक चलेगी। वैसे बेमौसमी बारिश के कारण राज्य में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का उत्पादन कुछ प्रभावित होने की सम्भावना है और नई फसल की कटाई-तैयारी में भी देर हो सकती है। उम्मीद की जा रही है कि बैसाखी पर्व के बाद यानी मध्य अप्रैल से गेहूं की आवक एवं सरकारी खरीद जोर पकड़ सकती है। केंद्र सरकार को पंजाब में गेहूं की अच्छी खरीद होने का भरोसा है। इसे भी पढ़े : सरकार ने 2023-24 में 341.5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया