किसानों को बड़ी राहत: पीएम फसल बीमा योजना का 127 करोड़ का बीमा क्लेम हुआ जारी

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हनुमानगढ़ : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन-2022-23 का 127 करोड़ फसल बीमा क्लेम (Crop Insurance claim) जारी किया गया है। भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से किसानों के खातों में क्लेम राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी ।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रमेशचंद्र बराला ने बताया कि 5 लाख 80 हजार पॉलिसी का क्लेम जारी हुआ है। रबी सीजन में लगभग 25 लाख बीमा पॉलिसी हुई थी। फसलों को हुए नुकसान के आधार पर क्लेम जारी किया गया है।

उल्लेखनीय है कि रबी सीजन में फसल पकाव पर थी उस समय तेज बारिश और अंधड़ से गेहूं, सरसों सहित विभिन्न फसलों को भारी नुकसान हुआ था। क्रॉप कटिंग के आधार पर किसानों को नुकसान की भरपाई के रूप में क्लेम का भुगतान होगा। क्लेम की मांग को लेकर किसान काफी समय से संघर्ष कर रहे थे।

कृषि विभाग की ओर से भी बार बार सरकार स्तर पर इस संबंध में अवगत करवाया जा रहा था। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार बीमा कंपनी की ओर से क्लेम का भुगतान पॉलिसी के आधार पर किया गया है। किस क्षेत्र के किसानों को कितना क्लेम मिला है इसका डेटा दो-चार दिन बाद उपलब्ध हो पाएंगे। क्लेम जारी होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है।

बेमौसम बारिश से गेहूं और सरसों को हुआ था भारी नुकसान, इसी का क्लेम हुआ जारी

जिले में इस बार गेहूं के पकाव के समय भारी बारिश और तेज अंधड़ से कई जगह गेहूं और सरसों को भारी नुकसान हुआ था। कृषि विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया था ।

किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को तुरंत सूचित करने की अपील की गई। फसल का बीमा करवाने वाले काश्तकारों ने तय अवधि में सूचित कर नुक़सान की जानकारी दी।

फसल खराबे के बाद क्रॉप कटिंग में जहां उत्पादन तय मात्रा से कम हुआ वहां की रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी गई। इसी के आधार पर बीमा कंपनी की ओर से 127 करोड़ रुपए का क्लेम जारी किया गया है। हालांकि कई किसानों का पूर्व का भी भुगतान पड़ा है। इसलिए काश्तकार पूर्व बकाया पड़ा पूरा क्लेम जारी करने की मांग कर रहे है।

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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