किसानों को बड़ी राहत: सरकार नरमा कपास में गुलाबी सुंडी से हुए नुकसान के लिए देगी 15 हजार रुपए मुआवजा

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Cotton Crop Loss Compensation 2023: देश में बीते 2-3 सालों से राजस्थान हरियाणा पंजाब समेत अन्य कपास उत्पादक राज्यों में गुलाबी सुंडी का खतरा लगातार बना हुआ है। इस बार भी किसानों पर गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) की बड़ी मार पड़ी है। जिसके चलते हरियाणा में कपास में गुलाबी सुंडी से भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसान सरकार पिछले कई दिनों से नरमा-कपास में हुए खराबे को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे थे। सरकार द्वारा किसानों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए उनकी इस मांग को मान लिया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश के जिन जिलों में गुलाबी सुंडी से कपास की फसल को नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाएगी। इसके ल‍िए हरियाणा सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोल दिया है।

सरकार देगी 7500 से 15000 का मुआवजा

हरियाणा सरकार गुलाबी सुंडी से खराब हुई फसल के लिए क‍िसानों को प्रति एकड़ खराबे के अनुसार 7500 से 15000 रुपये की दर से मुआवजा राशि देगी। इसी प्रकार, बाढ़ के कारण जिन किसानों ने धान की दोबारा रोपाई की थी और उसमें खराबा हुआ था, उसकी भरपाई के लिए 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।

फसल खराबे को लेकर मुख्यमंत्री ने कही ये बात

नरमा कपास में गुलाबी सुंडी से हुए नुक़सान का मुआवजा देने को लेकर चंडीगढ़ में हरियाणा निवास पर कल यानी 6 अक्टूबर 2023 को पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा क‍ि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा कंपन‍ियों द्वारा क्लस्टर बनाए गए थे। लेक‍िन सब जगह बीमा कंपन‍ियां नहीं पहुंच पाईं और बैंकों द्वारा फसली ऋण पर बीमे का प्रीमियम काट लिया गया। ऐसी शिकायतें मिली हैं और इसके समाधान के लिए बैंकों से बात की जाएगी। पीड़‍ित क‍िसानों को 15000 रुपये प्रति एकड़ की दर से विशेष पैकेज दिलवाया जाएगा। इसके अलावा, जिन किसानों ने फसली ऋण नहीं लिया था, उनकी भरपाई राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के नियमों के अनुसार की जाएगी। 

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल पिलानिया है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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