अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं या खेह-किसानी से जुड़े हैं, तो ये खबर सीधे आपके जेब से जुड़ी है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बार [Uttar Pradesh agriculture] के इतिहास में सबसे बड़े स्तर पर बीज वितरण और अनुदान का ऐलान किया है। रबी मौसम 2025-26 में राज्य के खेतों से लगभग 500 लाख मीट्रिक टन फसल निकालने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले साल के लक्ष्य से 21 लाख टन ज्यादा है। इसके लिए सरकार ने न सिर्फ 11.12 लाख क्विंटल उन्नत बीज बांटे हैं, बल्कि 6.30 लाख किसानों को पूरी तरह मुफ्त में बीज मिनीकिट (Free seed minikits) भी दिए हैं। यानी इस बार आपके खेत में जितना अच्छा बीज, उतना ही बंपर पैदावार का प्लान तैयार है।
6.30 लाख किसानों को सीधा फायदा
दरअसल, यूपी कृषि विभाग के निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने साफ किया है कि दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सीधे किसानों तक पहुंच बनाई है। इस साल करीब 24 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करके 23,160 क्विंटल बीज मिनीकिट का निःशुल्क वितरण किया गया। इससे 6.30 लाख किसानों को सीधा फायदा पहुंचा है। ये वही किसान हैं जो पहले महंगे बीजों की वजह से दलहन-तिलहन की खेती से दूर रह जाते थे।
दलहन-तिलहन पर सरकार का स्पेशल फोकस
ट्रेडिशनल गेहूं की खेती के अलावा, सरकार की नजर अब दलहन और तिलहन की पैदावार पर है। डॉ. त्रिपाठी के मुताबिक, इससे दो फायदे होंगे। पहला, लोगों के खाने में प्रोटीन और तेल के पोषक तत्व बढ़ेंगे। दूसरा, विदेशों से दाल और तेल के आयात पर होने वाले खर्च में कटौती होगी, जिससे देश का पैसा बचेगा। यानी आपके खेत में उगी दाल और सरसों सिर्फ आपकी आमदनी बढ़ाएगी ही, देश की अर्थव्यवस्था में भी मदद करेगी।
इसके लिए सरकार ने सही मायने में किसानों की जेब का ख्याल रखा है। अगर पिछले साल की तुलना करें तो बीज वितरण में 3.26 लाख क्विंटल का और अनुदान राशि में 86 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
पीओएस मशीन से पारदर्शी अनुदान
गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, तोरिया, राई/सरसों और अलसी जैसी फसलों के लिए सरकार ने 10.89 लाख क्विंटल अनुदानित बीज पीओएस मशीन के जरिए बांटे हैं। इसमें 50% तक का एट सोर्स अनुदान मिला, जिस पर कुल 277 करोड़ रुपये खर्च हुए। पिछले साल की तुलना में ये राशि 86 करोड़ रुपये ज्यादा है।
रिकॉर्ड उत्पादन के लिए रिकॉर्ड तैयारी
डॉ. त्रिपाठी का दावा है कि रबी मौसम में अब तक का ये सबसे बड़ा बीज वितरण है। पूरे प्रदेश में 138.78 लाख हेक्टेयर में फसल उगाने के लिए जरूरी 11.12 लाख क्विंटल बीज और 301 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। ये आंकड़े खुद बता रहे हैं कि सरकार सिर्फ बात नहीं, बल्कि धरातल पर काम कर रही है।
बीते साल 2024-25 में 7.86 लाख क्विंटल बीज वितरित हुआ था, जबकि इस साल यह बढ़कर 11.12 लाख क्विंटल हो गया है। यानी करीब 41% की बढ़ोतरी। इससे साफ है कि किसानों की आय बढ़ाने का सरकार का दावा सिर्फ दावा नहीं, बल्कि एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।
अगर आप यूपी के किसान हैं और अभी तक इस योजना का लाभ नहीं लिया है, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग या पीओएस सेंटर से संपर्क करें। खासकर दलहन और तिलहन के बीज मिनीकिट अभी भी उपलब्ध हो सकते हैं। समय रहते अपनी फसल का चयन करें और उन्नत बीज लें, क्योंकि इस बार सब्सिडी और मुफ्त बीज दोनों का डबल फायदा है।
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