त्योहारों से पहले 4% सस्ती हुई अरहर दाल, खाद्य तेलों के दाम में भी आएगी गिरावट

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नई दिल्ली : त्योहारी सीजन की शुरुआत होने से पहले देश में दालों की कीमतों में अब गिरावट आने लगी हैं। दालों में आ रही इस गिरावट की मुख्य वजह जो बताई जा रही है वो सरकार के द्वारा स्टॉक लिमिट को लेकर सख्ती, सरकारी भंडारण से खुले बाजार में दलहन की बिक्री और आयात बढ़ना है । वहीं दूसरी तरफ़ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में खाद्य तेल के भाव तेज होने के कारण घरेलू बाजार में भी इनके दाम घटने के आसार बढ़ गये हैं।

ट्रेड बॉडी ‘इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशन’ द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक़, एक महीने में अरहर की दाल के दाम 4 फ़ीसदी घट गए है। भारत में अरहर की दाल का काने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। एसोसिएशन ने ये भी बताया कि मसूर और मूंग जैसी अन्य दालों के भाव में भी कमी आएगी क्योंकि इनका आयात बढ़ा है।

रेट 170 रुपये किलो के पार पहुंच गया

दरअसल, पिछले कई महीनों से दलहन की कीमतों में आग लगी हुई है। खास कर अरहर की दाल सस्ती होने के बजाए महंगी ही होती जा रही थी। ऐसे में केंद्र सरकार को दालों की कालाबाजारी रोकने के लिए अरहर सहित कई तरह की दालों के लिए स्टॉक लिमिट तय करनी पड़ी।

क़ीमतों में इस कदर तेज़ी आई कि दिल्ली में अरहर दाल का भाव 170 रुपये किलो के पार पहुंच गया। ऐसे में सरकार के ऊपर कीमतों को नियंत्रित करने के लिए दबाव बढ़ रहा था। यही वजह है कि सरकार ने दालों का स्टॉक बढ़ाने के लिए निर्यात में तेजी लाई।

खाद्य तेल के दाम में गिरावट शुरू

जानकारों के मुताबिक़ त्योहारी सीजन के बीच खाने के तेल भी सस्ते होंगे। दुबई की ट्रेडिंग फर्म ग्लेनटेक ग्रुप के CEO विपिन गुप्ता ने बताया कि, ‘अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई बढ़ने से अब सनफ्लावर ऑयल (Sunflower Oil) के भाव सोयाबीन ऑयल (Soybean oil) से कम हो गए हैं।’ गुप्ता के मुताबिक, कच्चा सनफ्लावर ऑयल अभी 895$ (74,440 रुपए) प्रति टन रह गया है, जबकि सोयाबीन ऑयल 900$ से ऊपर है।

7.6 लाख टन अरहर दाल का इम्पोर्ट किया गया था

बता दें कि देश में अरहर दाल का उत्पादन डिमांड के मुकाबले काफी कम है। ऐसे में मांग को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार विदेशों से दलहन का आयात करती है।

साल 2021-22 के दौरान देश में 42.20 लाख टन का अरहर दाल का उत्पादन हुआ था। जबकि, फसल सीजन 2022-23 में यह आंकड़ा गिरकर 34.30 लाख टन पर पहुंच गया।

हालांकि, देश में हर साल 45 लाख टन अरहर दाल की खपत होती है। ऐसे में सरकार अफ्रीकी देशों से अरहर दाल की आयात करती है। साल 2021- 22 में 7.6 लाख टन अरहर दाल का इम्पोर्ट किया गया था।

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