Krishi Budget 2024: किसानों पर कितनी मेहरबान हुई निर्मला सीतारमण? जाने आज के बजट में किसानों को क्या मिली सौगात

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Krishi Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मंगलवार 23 जुलाई को संसद में अपना लगातार 7वां बजट पेश कर रही हैं। 2024-25 के बजट को मोदी 3.0 सरकार की कार्ययोजना माना जा रहा है, जिसमें अगले पांच वर्षों में भारत के विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी। सरकार ने आज जारी बजट में कृषि (एग्रीकल्चर) और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 25,000 करोड़ रुपए बढ़ाया गया।

जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड होंगे जारी

आज पेश किए इस बजट में मोदी सरकार ने इस बार किसानों (Farmers) का विशेष ध्यान रखने की कोशिश की है। बजट में किसानों को अनेक सौगातें मिलीं है । जिनमे से एक पीएम किसान क्रेडिट कार्ड (PM Kisan Credit Card) को लेकर भी अहम जानकारी सामने आई है। बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि देश के 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

ग़ौरतलब है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत देश के किसानों को न्यूनतम ब्याज पर ऋण मुहैया करवाया जाता है। किसानों को कम ब्याज पर लोन मिलने के कारण अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में काफ़ी मदद मिलती है और उन्हें साहूकारों की ग़ुलामी से निजात मिलती है। इस योजना के तहत किसानों को क़रीब 4 फ़ीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है।

किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणायें

किसानों के लिए 5 राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में घोषणा की कि आने वाले 2 सालों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।

झींगा मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए सेंट्रलाइज्ड फर्टिलिटी सेंटर बनेंगे।

10 हजार बायो इनपुट सेंटर्स की स्थापना की जाएगी।

दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मिशन शुरू किया जाएगा, जिसमें 32 विभिन्न फसलों की कुल 109 नई किस्में पेश की जाएंगी।

सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए एक क्लस्टर योजना लागू की जाएगी।

पीएम किसान की नहीं बढ़ी राशि

हालांकि किसानों की लगातार मांग के बाद भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं किसान सम्‍मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई है, ये 6,000 रुपए ही रहेगी।

मैं जगत पाल पिलानिया ! ई मंडी रेट्स का संस्थापक हूँ । ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों को मंडी भाव और खेती किसानी से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान कर रहा है।