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Nano Fertilizer- नैनो खाद को मिलेगी स्थायी मंजूरी, किसानों की बढ़ेगी कमाई!

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार अब खेती में इस्तेमाल होने वाले नैनो उर्वरकों (Nano Fertilizer) को लेकर एक ऐतिहासिक बदलाव करने जा रही है। तीन साल की अस्थायी मंजूरी की जगह अब स्थायी मंजूरी मिल सकती है, जिसका सीधा फायदा न सिर्फ बड़ी कंपनियों को, बल्कि आपके खेतों को भी होगा। सरकार ने साफ कहा है—स्थायी मंजूरी उन्हीं उत्पादों को मिलेगी जो विशेषज्ञों की सख्त जांच में खरे उतरेंगे। तो अब हर कंपनी को अपनी विस्तृत परीक्षण रिपोर्ट जमा करनी होगी।

सरकार का बड़ा प्लान: तीन साल की अस्थायी मंजूरी होगी खत्म

कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने नई दिल्ली में भारतीय उर्वरक संघ (FAI) के वार्षिक सम्मेलन में खुलासा किया कि सरकार [Ease of Doing Business] के तहत नैनो-फर्टिलाइजर को स्थायी मान्यता देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। फिलहाल जो तीन साल की अस्थायी लाइसेंस सिस्टम है, उससे कंपनियों को हर बार दोबारा आवेदन करने का झंझट झेलना पड़ता है। नई व्यवस्था से उत्पाद की उपलब्धता और क्वालिटी में स्थिरता आएगी।

क्या है नैनो फर्टिलाइजर और क्यों है खास?

दरअसल, नैनो यूरिया और नैनो डीएपी [DAP fertilizer] की खासियत ये है कि ये कम मात्रा में ज्यादा असरदार हैं। कृषि सचिव ने खुद माना—हर नई तकनीक पर शुरुआत में संदेह होता है, लेकिन समय के साथ नैनो उर्वरकों के नतीजे किसानों को प्रभावित कर रहे हैं। यही वजह है कि भारत ही नहीं, 25 से ज्यादा देश इसे तेजी से अपना रहे हैं।

विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर होगा फैसला

सरकार ने सभी कंपनियों को साफ निर्देश दिए हैं—स्थायी मंजूरी के लिए विस्तृत [scientific testing report] जरूरी है। IFFCO का नैनो यूरिया पहले ही तीन साल के लिए दोबारा मंजूर हो चुका है, जबकि बाकी कंपनियों के लाइसेंस जून 2026 तक लंबित हैं। कृषि सचिव ने वादा किया कि ये प्रक्रिया पारदर्शी और वैज्ञानिक होगी, ताकि खेतों तक सिर्फ सुरक्षित और प्रमाणित उत्पाद ही पहुंचें।

कंपनियों की चालबाज़ी से सतर्क सरकार

लेकिन यहां एक चेतावनी भी है। देवेश चतुर्वेदी ने कई कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए—कुछ नैनो उर्वरक या बायो-स्टीमुलेंट को सब्सिडी वाली खादों के साथ जबरन ‘टैग’ कर बेचने की कोशिश कर रही हैं। इससे किसानों में भ्रम और अविश्वास बढ़ता है।

इसलिए सरकार ने कंपनियों को साफ कहा है—उत्पाद थोपना गलत है। अब कंपनियों को किसान जागरूकता के लिए Training Programs बढ़ाने होंगे।

किसानों की उम्मीदें बढ़ीं

अगर नैनो उर्वरक Sustainable Farming का सुरक्षित और प्रभावी विकल्प साबित होता है, तो आपकी लागत घटेगी और उपज बढ़ेगी। यानी, खेती फायदे का सौदा बन सकती है। लेकिन ध्यान रहे—ये सब तभी संभव है जब वैज्ञानिक परीक्षण पूरी तरह सकारात्मक हों।

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नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 6 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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