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सावधान: NFSA राशन कार्ड सूची से 31 दिसंबर तक नहीं हटाया नाम तो भरना पड़ेगा पूरा पैसा, पूरी खबर पढ़े

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खाद्य सुरक्षा योजनाराशन कार्ड सूची से “48 लाख नाम हटे, 70 लाख जुड़े: NFSA की सबसे बड़े सफाई अभियान में क्या आप भी अपात्र हैं?”

जयपुर – राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त गेहूं पाने वाली राशन कार्ड सूची से अब तक करीब 48 लाख ऐसे लोगों ने अपना नाम हटवा लिया है, जो इसके हकदार नहीं थे। लेकिन अगर आपने अभी तक ये काम नहीं किया है, तो सावधान हो जाइए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने साफ कहा है – स्वेच्छा से नाम हटवाने वालों से कोई वसूली नहीं होगी, लेकिन 31 दिसंबर के बाद पकड़े गए अपात्रों से पूरा पैसा वसूला जाएगा। NFSA Scheme के तहत ये सबसे बड़ा सफाई अभियान अब आपके गांव तक पहुंच चुका है।

हमारी जानकारी के मुताबिक, इस ‘गिव-अप अभियान’ की शुरुआत 1 नवंबर 2024 को हुई थी। अब तक का आंकड़ा चौंकाने वाला है। लेकिन अभी भी लाखों अपात्र लाभार्थी सूची में बने हुए हैं।

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31 दिसंबर की आखिरी तारीख: अब भी नाम नहीं हटवाया तो क्या होगा?

मंत्री गोदारा ने प्रेस को बताया कि अभियान की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी। इसके बाद विभागीय अधिकारी सभी Ration Card धारकों की पड़ताल शुरू करेंगे। अगर आपकी पात्रता नियमों में नहीं आती, तो आपको मिले हर 5 किलो फ्री अनाज की कीमत वसूली जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया – “यह विरोधाभासी है कि जो 100 क्विंटल फसल MSP पर बेच रहा है, वो 5 किलो मुफ्त अनाज ले रहा है।” Public Distribution System को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए ये कदम जरूरी है। डेडलाइन के बाद भी जो लोग नाम नहीं हटवाते, उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

अपात्रता के 6 कठोर नियम: क्या आप इनमें आते हैं?

आइए देखते हैं कौन-कौन से परिवार Government Subsidy के लिए अयोग्य घोषित हुए हैं:

  1. किसान: जो साल में 100 क्विंटल से ज्यादा फसल MSP पर सरकार को बेचता है
  2. सरकारी कर्मचारी: परिवार का कोई एक सदस्य नियमित सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्था में नौकरी करता हो
  3. पेंशनर: जिसे 1 लाख रुपए सालाना से ज्यादा पेंशन मिलती हो
  4. आयकरदाता: परिवार का कोई भी सदस्य जो इनकम टैक्स भरता हो
  5. गाड़ी वाले: चारपहिया वाहन मालिक (लेकिन ट्रैक्टर और एक वाणिज्यिक वाहन छूट में)
  6. बिजली उपभोक्ता: जिनके घर का सालाना बिजली बिल 50 हजार रुपए या उससे अधिक हो

Direct Benefit Transfer की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इन नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। अगर आपकी स्थिति इनमें से किसी में भी फिट बैठती है, तो तुरंत एक्शन लें।

असली गरीबों को मिलेगा हक

पुराने अपात्रों को हटाने के साथ ही सरकार ने नए वास्तविक हकदारों को जोड़ना भी शुरू कर दिया है। मंत्री गोदारा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर 70 लाख 25 हजार से ज्यादा नए लोगों को Welfare Scheme का लाभ दिया गया है। सरकार का मकसद साफ है – सिर्फ वंचित और जरूरतमंद ही Food Security का फायदा उठाएं। Digital India की ये सफलता अब गांव-गांव दिख रही है। यह संतुलन बनाने की कोशिश है कि जो लाभार्थी नहीं हैं, वे सूची से बाहर हों और जो वास्तविक हकदार हैं, वे अंदर आएं।

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तुरंत करें ये काम: वसूली से बचने का रास्ता

अगर आप ऊपर बताई गई किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो तुरंत अपने नजदीकी खाद्य आपूर्ति कार्यालय में जाएं या ऑनलाइन पोर्टल पर अपना नाम हटवाएं। स्वेच्छा से करने पर कोई पेनाल्टी नहीं। लेकिन डेडलाइन के बाद पकड़े जाने पर पूरा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड है, इसलिए छिपने की कोई गुंजाइश नहीं।

एनएसएफए योजना अब पूरी तरह टारगेटेड हो गई है। जो हकदार हैं, उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन अपात्रों के लिए ये आखिरी चेतावनी है। 31 दिसंबर से पहले फैसला कर लें – स्वेच्छा से नाम हटवाएं या फिर वसूली का सामना करें।

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नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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