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राजस्थान में MSP पर मूंग, मूंगफली, सोयाबीन, उड़द की 24 नवंबर से होगी खरीद, पंजीयन प्रक्रिया और बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य!

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Good News : राजस्थान के अन्नदाताओं के लिए खुशखबरी! राज्य में मूंग, मूंगफली, सोयाबीन और उड़द की खरीद समर्थन मूल्य (MSP) पर 24 नवंबर से आरंभ होने जा रही है। भारत सरकार की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने इस कदम को हरी झंडी दिखाई है, जिससे प्रदेश के लाखों किसान सीधे लाभान्वित होंगे।

क्या है योजना?

सरकार के मुताबिक, देश के निर्धारित टारगेट अनुसार राजस्थान में मूंग की 3,05,750 मीट्रिक टन, उड़द की 1,68,000 मीट्रिक टन, मूंगफली की 5,54,750 मीट्रिक टन और सोयाबीन की 2,65,750 मीट्रिक टन खरीद होगी। अनुमान है कि इनकी कुल खरीद का मूल्य लगभग ₹9,436 करोड़ के आसपास रहेगा, जो किसानों के लिए आर्थिक संबल का बड़ा साधन बनेगा।

क्यों जरूरी है यह खरीद?

चारों प्रमुख फसलों की इस रिकॉर्ड स्तर पर खरीद से किसानों को उनकी फसल की सही कीमत मिलेगी। महंगाई और बाजार की अस्थिरता से जूझ रहे अन्नदाताओं के लिए यह पहल एक सकारात्मक बदलाव है।

कहां होंगे खरीद केंद्र?

किसानों की सुविधा हेतु प्रदेश में कुल 872 खरीद केंद्र खोले जा रहे हैं:

  • मूंग के लिए: 340 केंद्र
  • मूंगफली के लिए: 302 केंद्र
  • सोयाबीन के लिए: 79 केंद्र
  • उड़द के लिए: 151 केंद्र
    इन केंद्रों पर किसान अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे।

अभी तक कितने किसानों ने कराया पंजीयन?

अब तक राज्य में विभिन्न फसलों के लिए कुल 3,12,796 किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें मूंग के 97,392, मूंगफली के 1,87,580, सोयाबीन के 26,143 और उड़द के 1,681 किसान शामिल हैं।

मूंग, मूंगफली, सोयाबीन और उड़द का समर्थन मूल्य क्या हैं?

सरकार ने इस वर्ष (2025-26) के लिए विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्य इस प्रकार घोषित किए हैं:

  • मूंग का समर्थन मूल्य: ₹8,768 प्रति क्विंटल
  • मूंगफली का समर्थन मूल्य: ₹7,263 प्रति क्विंटल
  • उड़द का समर्थन मूल्य: ₹7,800 प्रति क्विंटल
  • सोयाबीन का समर्थन मूल्य: ₹5,328 प्रति क्विंटल
    ये मूल्य एफ.ए.क्यू. (Fair Average Quality) श्रेणी के लिए निर्धारित हैं।

खरीद प्रक्रिया में क्या बदलाव?

इस बार खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। OTP द्वारा पहचान की सुविधा इस दफा नहीं मिलेगी। नेफेड और NCCF के तहत 90 दिनों तक खरीद की जाएगी, जिससे किसान अपने अनाज को समय रहते बेच सकें।

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नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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