Mustard prices Report : जयपुर बाजार में पिछले हफ़्ते के दौरान सरसों में गिरावट का रुख रहा । सोमवार को सरसों 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर खुली, लेकिन शनिवार तक यह 6,325 रुपये पर बंद हुई। यानी, सप्ताहभर में 75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, घरेलू मांग में कमी, विदेशी बाजारों में नरमी, और खल (मील) के दामों में गिरावट ने इस कमजोरी को बढ़ावा दिया। हालांकि, चीन और दक्षिअप कोरिया से बढ़े निर्यात ने कुछ राहत जरूर दी।
मांग के अभाव में सरसों ढीली
कृषि व्यापारियों के अनुसार, जयपुर मंडी में सरसों की आवक और खपत दोनों में असंतुलन इस गिरावट की मुख्य वजह रहा। सप्ताहभर में सरसों की कच्ची घानी (अनप्रोसेस्ड) के दाम 3 रुपये प्रति किलो गिरकर 1,350 रुपये के स्तर पर पहुंच गए, जबकि खल (सरसों की खली) के भाव भी 30-40 रुपये प्रति क्विंटल लुढ़के। व्यापारी संजय मित्तल बताते हैं, “गर्मियों में तेल की खपत घटती है, इसलिए मिलें स्टॉक कम खरीद रही हैं। साथ ही, विदेशी बाजारों में मिले संकेतों ने भी निवेशकों को सतर्क कर दिया।”
अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में सरसों डीओसी (De-Oiled Cake) का निर्यात 37.73% बढ़ा। चीन ने 36,703 टन और दक्षिण कोरिया ने 67,478 टन डीओसी आयात किया। चीन द्वारा कनाडा पर लगाए गए उच्च टैरिफ के कारण भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी है। हालांकि, यूरोप में रेपसीडमाल की कमी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में उछाल आने के बावजूद, खल के दाम 2,250-2,300 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंचने के बाद मांग ठंडी पड़ गई।
सरकारी खरीद: हरियाणा को छोड़कर, बाकी राज्य फिसड्डी
इस रबी सीजन में हरियाणा सरकार ने 7 लाख टन सरसों की खरीद पूरी की है, जबकि अन्य राज्यों में प्रक्रिया धीमी है। किसान अभी भी मंडियों में MSP से ऊपर मिल रहे भावों के कारण सरकारी खरीद केंद्रों की बजाय निजी व्यापारियों को माल बेच रहे हैं।
तेल और खल के बाजार में उतार-चढ़ाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया और पाम तेल की कीमतों में गिरावट का असर सरसों तेल पर भी पड़ा है। जयपुर में कच्ची घानी का भाव 1,300 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन स्तर को तोड़कर 1,250 रुपये तक पहुंच गया। विश्लेषकों का मानना है कि यह और 3-4 रुपये प्रति किलो गिर सकता है। हालांकि, मई के मध्य के बाद मॉनसून की अटकलों और नई फसल की आवक से बाजार में सुधार की उम्मीद है।
अप्रैल-मई में सुस्ती, जून से उम्मीद
कृषि बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अप्रैल-मई में सरसों का बाजार पारंपरिक रूप से सुस्त ही रहता है। जयपुर लाइन में 6,425 रुपये प्रति क्विंटल का स्तर एक मजबूत प्रतिरोध बना हुआ है। हालांकि, जून से नई व्यापारिक गतिविधियों और विदेशी ऑर्डरों में तेजी के साथ रिकवरी की संभावना है।
निष्कर्ष:
सरसों का बाजार इस समय घरेलू मांग, अंतरराष्ट्रीय निर्यात और सरकारी नीतियों के बीच झूल रहा है। किसानों के लिए MSP पर खरीद एक राहत है, लेकिन निजी व्यापारियों को मौजूदा कीमतों में अस्थिरता से सावधान रहने की जरूरत है। आने वाले हफ्तों में मौसम और वैश्विक बाजार के संकेतों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा।
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