चना तेजी मंदी :- उत्पादक मंडियों में चना की उपलब्धता कमजोर बनी रहने और स्टॉकिस्टों (stockists) की बिकवाली सुस्त पड़ने के कारण दाल मिलर्स की लिवाली में वृद्धि हुई है, जिससे चना की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। इसके अतिरिक्त, लेबर की कमी और लॉजिस्टिक समस्याओं के चलते ऑस्ट्रेलिया से चना का निर्यात प्रभावित हो रहा है, जिससे निर्यातकों और आयातकों की बिकवाली धीमी पड़ गई है।
इन सभी कारणों के कारण चना की कीमतों में आने वाले समय में और तेजी देखने की संभावना है। आज भी लिवाली बेहतर होने के कारण चना की कीमतों में तेजी का रुख बना रहा। दिल्ली के लारेन्स रोड पर अच्छे माल की कमी बनी हुई है, और बेस्ट माल की उपलब्धता न होने की वजह से दाल मिलों की मजबूत मांग जारी है।
दिल्ली और अन्य प्रमुख मंडियों में चना के भाव
- दिल्ली:
दिल्ली के लारेन्स रोड पर अच्छे माल की कमी के कारण दाल मिलर्स की लिवाली मजबूत बनी हुई है। जिसके चलते चने की कीमतें 75 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 6975-7000 रुपए और राजस्थान लाइन के भाव 7075-7100 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच गए। - मध्य प्रदेश:
- कटनी मंडी में चने की कीमतों में 75 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई और इसके भाव 6750-6825 रुपए प्रति क्विंटल हो गए।
- इंदौर मंडी में चना भाव 100 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ 6800-6850 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच गए।
- जयपुर:
जयपुर मंडी में भी चना भाव में 75 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल देखा गया, जिसके बाद भाव 7025-7075 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। - रायपुर:
रायपुर मंडी में स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम और दाल मिलर्स की लिवाली तेज होने के कारण 150 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल आया। इसके बाद रायपुर चना के भाव 6900-7000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुँच गए।
आने वाले दिनों में क्या उम्मीदें हैं?
चना की मौजूदा बाजार स्थिति और बढ़ती मांग को देखते हुए बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में चना की कीमतें और बढ़ सकती हैं। कमजोर आपूर्ति, अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात की बाधाएं, और घरेलू स्तर पर दाल मिलर्स की बढ़ती लिवाली इन बढ़ोतरी के प्रमुख कारक बने रहेंगे।
नोट: यह विश्लेषण केवल जानकारी के उद्देश्य से है। व्यापार में किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें ।