रबी फसलों की बुवाई में गिरावट: गेहूं, सरसों, चना पर संकट, मक्का और जौ के रकबे में वृद्धि

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Agri News: देश के प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों से प्राप्त आरंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 8 नवम्बर तक राष्ट्रीय स्तर पर रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र घटकर 146.06 लाख हेक्टेयर पर अटक गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 157.73 लाख हेक्टेयर से 7.4 प्रतिशत कम है।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान गेहूं, चना, सरसों एवं ज्वार का क्षेत्रफल घट गया, धान के रकबे में मामूली वृद्धि हुई जबकि मक्का का बिजाई क्षेत्र तेजी से बढ़ गया। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार रबी सीजन के सबसे प्रमुख खा‌द्यान्न-गेहूं का क्षेत्रफल इस बार 41.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंच सका जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 48.87 लाख हेक्टेयर से 10.4 प्रतिशत घटकर 24.57 लाख हेक्टेयर तथा सबसे प्रमुख तिलहन-सरसों का रकबा 50.73 लाख हेक्टेयर से 1.6 प्रतिशत फिसलकर 49.90 लाख हेक्टेयर रह गया।

रबी फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन लक्ष्य 2024-25:

फसल2023 के रबी सीजन में क्षेत्रफल (लाख हेक्टेयर)2024 के रबी सीजन में क्षेत्रफल (लाख हेक्टेयर)वृद्धि/कमी (%)2024-25 के उत्पादन लक्ष्य (लाख टन)
गेहूं48.8741.30-10.4%1150
चना136.50
सरसों50.7349.90-1.6%138
ज्वार8.936.69-25%
धान6.997.04+0.72%145.50
मक्का1.802.71+50%120
मसूर4.28+11.2%16.50
जौ0.270.69+155.56%22.50

महत्वपूर्ण:

  • ज्वार की खेती मुख्यतः खरीफ सीजन में होती है, लेकिन रबी सीजन में भी इसकी बिजाई की जाती है।
  • आगामी मौसम की स्थितियां रबी फसलों के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होंगी।
  • केन्द्र सरकार ने 2024-25 के रबी सीजन के लिए विभिन्न फसलों का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है।

क्या हैं गिरावट के कारण?

  1. मौसम की अनिश्चितता:
    • देर से हुई बारिश और बढ़ते तापमान ने गेहूं और सरसों की बुवाई को प्रभावित किया।
  2. इनपुट लागत में बढ़ोतरी:
    • उर्वरक, बीज और डीजल की बढ़ती कीमतों से किसानों का बजट प्रभावित हुआ।
  3. बाजार में गिरते भाव:
    • किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने से रबी सीजन की प्रमुख फसलों में गिरावट देखी गई।

निष्कर्ष:

रबी सीजन में प्रमुख फसलों के बुवाई क्षेत्र में कमी किसानों के लिए चिंता का कारण है। हालांकि मक्का और जौ जैसी फसलों ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। आने वाले समय में मौसम और सरकारी प्रयास तय करेंगे कि यह सीजन उत्पादन के लक्ष्यों को पूरा करने में कितना सफल रहेगा।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जगत पाल है ! मैं ई मंडी रेट्स (eMandi Rates) का संस्थापक हूँ । मेरा उद्देश्य किसानों को फसलों के ताजा मंडी भाव (Mandi Bhav), कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं , लेटेस्ट किसान समाचार के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाना है। ई-मंडी रेट्स (e-Mandi Rates) देश का पहला डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 6 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है।

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