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धान में हल्दी रोग से किसान चिंतित, एक्सपर्ट से जानें रोग पहचान और बचाव के उपाय

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धान की खेती: धान न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप की सबसे महत्वपूर्ण फसल है। मक्का के बाद यह दुनिया की सबसे ज्यादा बोई और उगाई जाने वाली फसल है। करोड़ों किसान धान की खेती से जुड़े हुए हैं, और यह फसल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है। हालांकि, अगर धान की खेती के प्रबंधन पर सही समय पर ध्यान न दिया जाए, खासकर जब फसल अंतिम चरण में हो, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

यह लेख किसानों को बताएगा कि वे फसलों के रंग को देखकर कैसे रोगों की पहचान कर सकते हैं और उनके उपचार के तरीके क्या हैं। इस जानकारी को कृषि विज्ञान केंद्र, खोदावंदपुर के पौध संरक्षण विशेषज्ञ, डॉ. नदीश द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

धान की फसल पर हल्दी रोग का प्रभाव

बेगूसराय के कृषि विभाग केंद्र, खोदावंदपुर में किसान कुसो सिंह ने बताया कि धान की बाली में हल्दी रंग उभर आया है, जिससे उत्पादन में कमी आ रही है। अन्य किसानों ने भी यह समस्या साझा की, जिसमें हल्दी रोग का सबसे अधिक असर हाइब्रिड धान की किस्मों पर देखा गया है। इस रोग के कारण धान के दाने पाउडर जैसे बन जाते हैं और फसल का ग्रोथ भी रुक जाता है। हल्दी रोग एक प्रकार का फ्लोटिंग रोग है, जो हवा के साथ तेजी से फैलता है और फसल को नुकसान पहुंचाता है।

धान में हल्दी रोग से बचाव के उपाय

Dhan Me Haldi Rog ki Dawa: कृषि विज्ञान केंद्र के पौध संरक्षण विशेषज्ञ, डॉ. नदीश ने हल्दी रोग से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

  1. हिक्काकोनजोल स्प्रे: 1 मिलीलीटर हिक्काकोनजोल को 1 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर स्प्रे करें।
  2. प्रोपीकोनजोल स्प्रे: प्रोपीकोनजोल का भी इसी तरह उपयोग किया जा सकता है।
  3. दवा मिश्रण: हेक्साकोनाजोल, प्रोपीकोनजोल और ट्यूबाकोनाजोल को 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाएं। इसके साथ, थायमेथाक्साम और टेट्रासाइक्लीन जैसी दवाओं का 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में छिड़काव करें। इससे हल्दी रोग के प्रकोप को रोका जा सकता है।

छिड़काव करने से पहले कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है, ताकि फसल का सही तरीके से उपचार किया जा सके।

निष्कर्ष:

धान की फसल पर हल्दी रोग एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर पहचान और उपचार से किसान इस समस्या से निपट सकते हैं। पौध संरक्षण विशेषज्ञों की सलाह लेकर, उचित दवाइयों का उपयोग और स्प्रे करने से फसल की रक्षा की जा सकती है। धान की खेती के सही प्रबंधन से किसान अपनी फसल से अधिकतम उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं।

नमस्ते! मैं जगत पाल ई-मंडी रेट्स का संस्थापक, बीते 7 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती-किसानी, मंडी भाव की जानकारी में महारथ हासिल है । यह देश का पहला डिजिटल कृषि न्यूज़ प्लेटफॉर्म है, जो बीते 5 सालों से निरन्तर किसानों के हितों में कार्य कर रहा है। किसान साथियों ताजा खबरों के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए। धन्यवाद

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